CIN -Exclusive /दिनांक 19.09.1968 को बिहार प्रान्त के भागलपुर जिले में जन्में पटना निवासी श्री सुनील कुमार पुत्र स्व. श्री राम बृक्ष प्रसाद एवं श्रीमती शान्ति देवी ने स्नातक उपाधि प्राप्त करने के उपरान्त, देश की एकता और अखण्डता को अक्षुणता को कायम रखने के उद्देश्य से राष्ट्र हित में देश के केंद्रीय सशस्त्र बल, केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल में 1994 से कमान अधिकारी के तौर पर एक सशक्त प्रहरी के रूप में अपने आप को पूर्ण ईमानदारी व व्यावसायिक दक्षता के साथ देश की सर्वोच्च सेवा में पूरी तरह से समर्पित किया हुआ है। श्री कुमार के अुनसार देश में जो भी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं उसके लिए हमारी सामाजिक व प्राकृतिक विचारों की सही सोच में गिरावट के कारण है। आज हम लोग यह नहीं सोच पाते हैं कि हमारे जीवन का मुख्य मकसद क्या होना चाहिए? दुनिया की आपाधापी में कहीं न कहीं हम अपने जीवन के नैतिक मूल्यों को भूल चुके है जिससे देश में सामाजिक, आर्थिक एवं अन्य प्रकार की समस्याएं जनित हो रही हैं। श्री कुमार लगभग तीन दशकों के अपने शानदार कैरियर में, ज्यादातर देश के आतंकवाद, उग्रवाद, नक्सलवाद तथा कानून-एवं व्यवस्था से प्रभावित प्रान्तों जैसे जम्मू-कश्मीर, असम, उड़ीसा, बिहार, नागालैंड, त्रिपुरा, गुजरात, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश जैसे अतिदुर्गम, कठिन एवं अशांत क्षेत्रों में विभिन्न जिम्मेदार ओहदों पर तैनात रहकर अपनी व्यावसायिक कार्य दक्षता व कुशल प्रशासनिक एवं परिचालनिक नेतृत्व के द्वारा देश की सेवा में अपनी बेहतरीन सेवाएं दे रहे हैं। देश के केंद्रीय सशस्त्र बल, केरिपु.बल के उच्चाधिकारी के साथ-साथ श्री कुमार एक समाज सेवक भी है जो हमेशा सामाजिक सेवा की जिम्मेदारियों को निभाने में प्रथम पंक्ति में अपने आप को रखते हैं। श्री सुनील कुमार, पुलिस उप महानिरीक्षक, मध्य सेक्टर, केरिपु.बल, लखनऊ द्वारा उनके लगभग तीन दशकों के साहसिक एवं शानदार देश/सामाजिक सेवा के कुछ महत्वपूर्ण उपलब्धियों को संक्षेप में साझा करना चाहूंगा:-(i) बतौर कमान अधिकारी जम्मू एवं कश्मीर के श्रीनगर, डोडा और बड़गांव जैसे अति संवेदनशील एवं सबसे अधिक आतंकवाद से प्रभावित क्षेत्रों में अपनी उत्कृष्ट सेवाएं देते हुए आतंकवाद के खिलाफ चलाये गये अनगिनत अभियानों का पूरी कुशलता के साथ नेतृत्व किया तथा तैनाती क्षेत्रों में शांति कायम करने में अहम भूमिका निभाई।
(ii) वर्ष 2001 में गुजरात में आये विनाश कारी भूकम्प के दौरान अहमदाबाद में अपनी टीम के साथ अपनी जान जोखिम में डालते हुए 74 नागरिकों की अमूल्य जान बचाई।
(iii) 100 आर.ए.एफ. बटालिय गुजरात में तैनाती के दौरान बतौर उप कमाण्डेंट गोधरा काण्ड के उपरान्त भड़के हिंसक दंगो को सूरत में 48 घण्टें के भीतर कानून एवं व्यवस्था को बहाल करने में अहम भूमिका निभाई जिसकी प्रशंसा माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी तत्कालीन मुख्यमंत्री गुजरात द्वारा की गई।
(iv) बतौर कमाण्डेंट दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर जैसे अति नक्सल प्रभावित क्षेत्रों मेे शान्ति व्यवस्था कायम करने तथा नक्सलवाद से ग्रसित दूर-दराज इलाकों के भटके हुए युवाओं को राष्ट्र की मुख्य धारा में लाने में अहम भूमिका निभाई।
(v) दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा में अवस्थित प्राचीन और ऐतिहासिक पर्यटन नगरी बारसूर की खोई हुई विरासत एवं प्रसिद्धि को पुनः स्थापित कर टूरिस्ट मैप के रूप में स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई।
(vi) देश के सबसे संवेदनशील तीर्थ स्थलों में से एक श्री वैष्णो माता दरबार श्राईन बोर्ड के साथ देश के विभिन्न प्रान्तों से आये श्रद्धालुओं की सुरक्षा व उनकी हर प्रकार से मदद सदैव तत्परता से सुनिश्चित किया।
(vii) मणिपुर के अति उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र में उग्रवाद के विरूद्ध लगातर अभियान चलाकर शांति व्यवस्था को कायम रखा तथा इसी दौरान पूर्वोत्तर में उत्पन्न अर्थव्यवस्था अवरुद्ध (Economic Blockade) स्थिति को पूरी कुशलता व रणनीति से संभाला जिसके परिणामस्वरूप कोई अप्रिय घटना घटित नहीं हुई।
(viii) मॉ वैष्णो देवी सेवा संस्था पटना के माध्यम से पीरबहोर थाना इलाके के दरियापुरगोला ब्रहमस्थान मंदिर के निकट मॉ ब्लड सेंटर स्थापित किया गया जो पूरी तरह से नॉन कामर्शियल है तथा थैलीसिमिया, हीमोफीलिया और एप्लास्टिक एनीमिया सहित समाज के बेहद निर्धन एवं असहाय व्यक्तियों को निःशुल्क रक्त उपलब्ध कराया जा रहा है।
(ix) समाज के असहाय एवं अत्यन्त गरीब बच्चों के उत्थान हेतु कार्य कर रहीं समाजसेवी संस्थानों से जुड़े रहकर उनके उत्थान में अपना सराहनीय योगदान व समाज के लोगों को समाज सेवा हेतु प्रेरित करने का कार्य कर रहे हैं।
(x) केरिपु.बल के जवानों के सर्वतोन्मुखी विकास के लिए डॉ. गौरव सक्सेना, अन्तर्राष्ट्रीय काउन्सलर के सहयोग से उत्तर प्रदेश के 10 जिलों में अवस्थित सीआरपीएफ के कुल 13 संस्थानों/यूनिटों में काउन्सलिंग सत्रों का आयोजन कर सीआरपीएफ के अधिकरियों/जवानों एवं उनके परिवारजनों की काउन्सलिंग करवाई। इस ऐतिहासिक कार्य में सीआरपीएफ के नाम 05 विश्वकीर्तिमान हुए व श्री कुमार को “WORLD RECORD
APPRECIATION CERTIFICATE ” से नवाजा गया।
(xi) कुशल नेतृत्व एवं सराहनीय सेवाओं के लिए अब तक केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के उच्चाधिकारियों के साथ-साथ सम्बंधित तैनाती क्षेत्रों के शासन एवं प्रशासन के उच्च प्राधिकारियों द्वारा कुल 174 प्रशस्ति पत्रों/ डिस्क एवं उत्तम प्रवष्टियों से सम्मानित/अलंकृत किया जा चुका है।
श्री कुमार की उनके अब तक के सेवाकाल के दौरान केरिपु.बल के मापदण्डों की परिधि में रहते हुए निःस्वार्थ देश भक्ति, साहस, ईमानदारी, कर्त्तब्यपरायणता, व्यासायिक एवं प्रशिक्षण दक्षता के साथ आतंकवाद, नक्सलवाल, उग्रवाद तथा कानून एवं व्यवस्था से जूझ रहे क्षेत्रों में तैनात रहकर किये गये उल्लेखनीय कार्यों के साथ-साथ सामाजिक क्षेत्र में भी पहल के साथ प्रथम पंक्ति में रहकर किये गये सराहनीय कार्यों एवं अर्जित स्नेहिल एवं कुशल पुलिस अधिकारी की छवि के दृष्टिगत सम्पादक अपनी कलम से यह लिखने में कोई संकोच नहीं करता कि वे बिहार के गौरव होने के नाते ’बिहार रत्न’ की उपाधि के लिए पूरी तरह से हकदार हैं और उन्हें उनका यह हक मिलना चाहिए।