कौशलेन्द्र पाराशर -दिल्ली से / “महामहिम द्रोपदी मुर्मू” ने कहा – मेरा “राष्ट्रपति” बनना हर “गरीब” की उपलब्धि,आज दुनिया को “भारत” से उम्मीद.कोरोना संकट ने देश की साख बढ़ा दी, 75 साल में नया भारत देख रही हूं. मैं कॉलेज जाने वाली अपने गांव की पहली बेटी. मेरे प्रारंभिक शिक्षा सपने जैसा. मेरा राष्ट्रपति बनना सभी गरीबों की एक बड़ी उपलब्धि. मुझे राष्ट्रपति बनाने के लिए देशवासियों का आभार. राजेंद्र प्रसाद से रामनाथ कोविंद से आप सभी को प्रणाम. आजाद भारत में जन्म लेने वाली पहली राष्ट्रपति हूं.पूज्य बापू ने हमें स्वराज- स्वच्छता का जो शिक्षा दिया है उसको पूरा करना है. रानी लक्ष्मीबाई, देवी चिन्नम्मा को याद किया महामहिम ने. बिरसा मुंडा जी की बलिदान से हमें प्रेरणा मिलती है. लोकतंत्र ने मुझे यहां पहुंचाया. महामहिम ने कहा कि देश हित सर्वोपरि. भारत के लिए नया संकल्पों का क्या हाल है महामहिम ने कहा. मुझे बिरसा मुंडा से प्रेरणा मिलती है. कोरोना काल में जिस तरह भारत ने अपना समर्थ दिखाया है पूरे विश्व में भारत की साख बढ़ा दी है .75 वें साल में नया भारत देख रही हूँ. कोरोना महामारी में दुनिया अब भारत को एक नजर से देख रही है. आज दुनिया को भारत से उम्मीद. स्टार्टअप में दुआओं का बड़ा योगदान है. देश के गरीब आदिवासी मुझमे अपना प्रतिबिंब देखें. जंगल और जलाशय के महत्व को अपने जीवन में ढालना होगा. भारत पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में बेहतर कर रहा है.