पटना 26 नवम्बर, 2024/राष्ट्रीय जनता दल के राज्य कार्यालय के बोर्ड रूम में संविधान दिवस के अवसर पर संविधान और उनकी चुनौतियां विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया।इस अवसर पर परिचर्चा को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि बिहार में जाति आधारित गणना कराकर 09 नवम्बर, 2023 को आरक्षण की सीमा बढ़ाकर 65 प्रतिशत तत्काल प्रभाव से सरकारी नौकरियों में लागू कराने का निर्णय लिया गया था, और इसके लिए संविधान की नौवीं अनुसूची में 65 प्रतिशत आरक्षण व्यवस्था को शामिल कराने का प्रस्ताव पारित कर केन्द्र सरकार को भेजा गया। लेकिन दलितों, पिछड़ों, अतिपिछड़ों और आदिवासियों के प्रति भाजपा की जो सोच रही है उसी के कारण एक साल बाद भी नौंवी अनुसूचि में आरक्षण व्यवस्था को शामिल कराने के प्रस्ताव स्वीकृति नहीं दिया जिसके कारण आज बिहार में दलितों, पिछड़ों, अतिपिछड़ों और आदिवासियों को लाखों पदों पर नौकरियों में नुकसान हो रहा है। एनडीए सरकार के इस तरह के शोषित, वंचित समाज के प्रति सोच के कारण बिहार में बढ़े हुए आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा है और 16 प्रतिशत नौकरियों में इन वर्गों को नुकसान हो रहा है। इसके लिए कहीं न कहीं नीतीश सरकार दोषी है।इन्होंने कहा कि बाबा साहब डाॅ0 भीमराव अम्बेदकर के संविधान दिवस के अवसर पर आज हमने विधान सभा में भी कहा कि सरकार की नीतियों के कारण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी जिनके बल पर केन्द्र की सरकार चल रही है उसमें वो इतना साहस नहीं कर पा रहे हैं कि इन वर्गों को न्याय दिला सकें। हमने तो यह भी मांग किया है कि फिर से बिहार सरकार एक नया विधेयक लाकर आरक्षण की सीमा को जो पूर्व में महागठबंधन सरकार के रहते हुए हमने 75 प्रतिशत की थी उसमें 10 प्रतिशत और जोड़कर 85 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करने के लिए डबल इंजन सरकार केन्द्र सरकार को नौवीं अनुसूचि में शामिल कराने का प्रस्ताव भेजे, जिससे कि जिसकी जितनी संख्या उसकी उतनी हिस्सेदारी तय की जा सके और कोई भी आरक्षण के हक और अधिकार से वंचित न हो सके।इस अवसर पर परिचर्चा को संबोधित करते हुए पटना लाॅ काॅलेज के पूर्व प्राचार्य मो0 शरीफ ने कहा कि हमारा हिन्दुस्तान सारे जहां से अच्छा है और हमारा संविधान भी अच्छा है लेकिन अभी जो व्यवस्थाएं चल रही है उनके जुबान पर कुछ है और कार्यों में कुछ है जिसके कारण कहीं न कहीं असमंजस की स्थिति है। लालू जी का सोच हर वर्गों को सम्मान और शोषितों, वंचितों को गले लगाने और सम्मान देने का रहा है, उसे आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। इन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा कही गई बातों के संबंध में कहा कि भारत की खुबसुरती विभिन्नता में एकता की रही है। जिस तरह से लोग गुमराह हो रहे हैं उसे बचाने की आवश्यकता है। समाज का एक वर्ग दबे, कुचले, उंच-नीच, स्त्री-पुरूष के भेदभाव को आगे बढ़ाये उसे समाज नहीं माना जा सकता है। आज देश में जो गतिविधियां चल रही है वह कहीं से उचित नहीं है क्योंकि बाबा साहब डाॅ0 भीमराव अम्बेदकर ने संविधान बनाने के समय कहा था कि यह एक पवित्र दस्तावेज है लेकिन इसके चलाने वाले लोग बेहतर ढंग से इसे चलायेंगे तभी देश समग्र रूप से आगे बढ़ सकता है।
इस अवसर पर एमीटी लाॅ काॅलेज के डीन प्रो0 राजीव रंजन ने कहा कि न्याय की लड़ाई न बहुसंख्यक की होती है, न अल्पसंख्यक की होती है, न गरीब की होती है न अमीर की होती है, न पुरूष की होती है न स्त्री की होती है। न्याय सभी को मिले इसके प्रति सरकार को ध्यान रखना आवश्यक है। संविधान की जो चुनौतियां हैं उसमें जागरूकता लाने तथा भाईचारा वाला समाज के निर्माण की दिशा में काम करने की आवश्यकता है। संविधान को खुबसुरत बनाने में संविधान निर्माताओं की बड़ी भूमिका रही है। हमारे यहां लोकतंत्र की स्थिति को खराब करने की कोशिश चल रही है। इसके खिलाफ सभी को मिलकर और सजग होकर संघर्ष करना होगा। इस अवसर पर बिहार विधान परिषद के पूर्व उपसभापति डाॅ0 रामचन्द्र पूर्वे ने कहा कि राजनीतिक विश्वसनीयता से अधिक सामाजिक विश्वसनीयता प्राप्त करना आवश्यक है। सभ्य समाज के नागरिक के तौर पर सभी को अधिकार प्राप्त है, लेकिन वर्तमान केन्द्र सरकार उसका खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन कर रही है और लोगों को उसके नागरिक अधिकार से वंचित करने की साजिश कर रही है। संविधान में संस्थाओं को जो अधिकार दिया गया है उसको कमजोर किया जा रहा है। एजेंसियों का इस्तेमाल सत्ता पक्ष के द्वारा किया जा रहा है जो एक बड़ी चुनौती है।
इस अवसर पर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री उदय नारायण चैधरी ने कहा कि लोकतंत्र असहमति के बीच सहमति बनाने का आधार है। दुनिया का सर्वश्रेष्ठ संविधान भारत का संविधान है, जिसमें रानी हो या मेहतरानी सबको वोट देने का अधिकार दिया गया है। लेकिन आज इसको कमजोर करने की कोशिश चल रही है। ऐसी कोशिशों के खिलाफ हम सभी खून के आखिरी कतरे तक संविधान की रक्षा के लिए संघर्ष और आन्दोलन करेंगे।इस अवसर पर प्रदेश प्रधान महासचिव श्री रणविजय साहू ने कहा कि भारत के संविधान की रक्षा और शोषितों, वंचितों को अधिकार तथा संविधानिक मूल्यों को बचाने में लालू जी का जो योगदान रहा है उसके प्रति हमसभी को संकल्पित होने की आवश्यकता है.प्रदेश राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने बताया कि विचार गोष्ठी शुरू होने से पहले बाबा साहब डाॅ0 भीमराव अम्बेदकर के तैल चित्र पर माल्यार्पण कर उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की गई।इस अवसर पर एजाज अहमद ने बताया कि पटना लाॅ काॅलेज के पूर्व प्राचार्य मो0 शरीफ का स्वागत राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री उदय नारायण चैधरी ने जबकि एमीटी लाॅ काॅलेज के डीन प्रो0 राजीव रंजन का स्वागत बिहार विधान परिषद के पूर्व उपसभापति डाॅ0 रामचन्द्र पूर्वे ने बुके और शाॅल देकर स्वागत किया।इस अवसर पर राष्ट्रीय महासचिव श्री बीनू यादव, विधायक मो0 कामरान, प्रदेश उपाध्यक्ष मो0 मुजफ्फर हुसैन राही, मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव, प्रवक्ता चितरंजन गगन, एजाज अहमद, पूर्व विधायक डाॅ0 अनवर आलम, प्रदेश महासचिव बल्ली यादव, मदन शर्मा, भाई अरूण कुमार, खुर्शीद आलम सिद्दिकी, प्रमोद कुमार राम, डाॅ0 पे्रम कुमार यादव, निर्भय अम्बेदकर, अभिषेक कुमार सिंह, देवकिशुन ठाकुर, राजेश पाल, जेम्स कुमार यादव, सरदार रंजीत सिंह, युवा राजद के प्रदेश अध्यक्ष राजेश यादव, छात्र राजद के प्रदेश अध्यक्ष गगन कुमार, पंचायती राज प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र प्रसाद विद्यार्थी, पूर्व सैनिक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार यादव, उपेन्द्र चन्द्रवंशी, शिवेन्द्र कुमार तांती, गणेश कुमार यादव, श्रीमती रीना चैधरी, निवास रजक, मो0 अफरोज आलम, बिंदन यादव, मो0 मेराज सहित अन्य गणमान्य नेतागण उपस्थित थे।