निखिल दुबे, लुधियाना
सिविल अस्पताल के मदर एंड चाइल्ड अस्पताल में मंगलवार रात्रि इलाज के दौरान चार माह के शिशु की मौत हो गई। परिजनों का आरोप था कि शिशु की मौत उपचार में देरी की वजह से हुई है। रायकोट निवासी जगसीर सिंह ने बताया कि उनकी चार महीने की बेटी हुसनप्रीत को दो दिन से बुखार था। मंगलवार शाम को अचानक जब हालत बिगड़ी तो वह उसे सिविल अस्पताल के मदर एंड चाइल्ड केयर सेंटर लेकर गये। मदर एंड चाइल्ड अस्पताल के स्टाफ ने उन्हें इमरजेंसी में भेज दिया। इमरजेंसी गए तो वहां के स्टाफ ने उन्हें मदर एंड चाइल्ड अस्पताल भेज दिया।
परिजन करीब एक घंटे तक ऐसे ही भटकते रहे। काफी मिन्नत के बाद उनकी बेटी को दाखिला किया गया। लेकिन, स्टाफ ने हालत गंभीर होने की बात कहकर पीजीआइ के लिए रेफर कर दिया। इसके बाद उन्हें अस्पताल से पीजीआइ के लिए एंबुलेंस नहीं मिली। जिसके चलते करीब आठ बजे बच्ची की मौत हो गई। जगसीर ने आरोप लगाया कि जिस वक्त वह अपनी बच्ची को अस्पताल लेकर आए । उसी समय तत्काल इलाज शुरू कर दिया जाता या उन्हें एंबुलेंस उपलब्ध करवा दी जाती तो बच्ची बच जाती। दूसरी तरफ अस्पताल स्टाफ का कहना था कि बच्ची की हालत काफी नाजुक थी। इसलिए रेफर किया गया। इलाज में किसी तरह की लापरवाही नहीं बरती गई।उधर, दूसरी तरफ जिस वार्ड में चार माह की बच्ची हुसनप्रीत भर्ती थी, उसी वार्ड में चंदन नगर के रहने वाले कुनाल की एक माह की बच्ची भी भर्ती थी। जब हुसनप्रीत की मौत हुई तो कुनाल व उसके परिजन भी भड़क गए। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी बेटी का इलाज भी सही ढंग से नहीं हो रहा है। परिजनों ने गुस्से में खिड़कियों के शीशे तोड़ दिए। स्टाफ ने सिविल अस्पताल की चौकी में सूचना दी। पुलिस हंगामा करने वालों को लेकर चली गई।