दिल्ली-रजनीश कुमार
राजधानी दिल्ली में रविवार सुबह हुए अनाज मंडी कांड ने सभी की आंखें खोलकर रख दी, लेकिन ये पहला हादसा नहीं है, इससे पहले भी कई हादसे सामने आ चुके हैं, लेकिन 22 साल पहले हादसे को कौन भूल सकता है। 22 साल पहले 13 जून 1997 को दिल्ली का उपहार सिनेमा अग्निकांड में ना जाने कितने लोगों ने अपने परिवार को खोया होगा। आज सुबह अनाज मंडी के हादसे ने उपहार सिनेमा कांड को एक बार तरो ताजा कर दिया है। यह दर्द सिर्फ वे लोग ही समझ सकते है जिसने आज के हादसे और उपहार सिनेमा के आग के लहर में अपने परिवार को खोया है। सच तो यह है कि इस आग में न केवल 59 लोगों की जान गई थी बल्कि उनके परिजन आज भी तिल-तिलकर मरने को मजबूर हैं। 13 जून 1997 को साउथ दिल्ली के ग्रीन पार्क में स्थित उपहार सिनेमा में बॉर्डर फिल्म लगी थी ठीक उसी दौरान सिनेमाघर के ट्रांसफॉर्मर में अचानक आग लग गई थी। ये आग की लहर इतनी भीषण और तेज थी कि इसमें 59 लोगों को आग ने अपने चपेट में ले लिया और बेगुनाहों को हमेशा के लिए सुला दिया। इस हादसे में 100 से ज्यादा लोग झुलस गए थे। ये हादसा शाम करीब 4 बजकर 55 मिनट पर हुआ था। बता दें कि सिनेमा हॉल के ग्राउंड फ्लोर से लगनी शुरू हुई थी और देखते-देखते आग की लहर पूरी फैल गई।
आज सुबह करीब 5 बजे राजधानी दिल्ली के रानी झांसी रोड पर अनाज मंडी में भीषण आग ने एक बार फिर याद दिलाया उपहार सिनेमा अग्निकांड का हादसा। इस भीषण हादसे ने सिनेमा अग्निकांड में अपनों को खोए हुए परिवार के लोगों को झकझोर कर रख दिया होगा। अनाज मंडी कांड में 47 लोगों की जान चली गई और 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए। दर्जनों लोगों को लोकनायक जय प्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल, हिंदू राव और राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल, लेडी हार्डिंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि इस इमारत में छोटी-छोटी फैक्ट्रियां चलती थीं, जिनमें पैकेजिंग और प्लास्टिक बैग आदि बनाने का काम होता था। यहां काम करने वाले कई लोग रात को सोते भी यहीं थे पर उन्हें ये नहीं पता था कि जिस जगह पर हम सो रहे है, वो हमेशा के लिए सुला देगी।