बेनीपुर । अलीनगर प्रखंड के अधलोआम गांव में शनिवार को भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष सुजीत कुमार चौधरी के आवास पर युग प्रवर्तक राम कृष्ण परमहंस के सुयोग्य शिष्य स्वामी विवेकानंद के पुण्यतिथि पर भाजपा के जिला अध्यक्ष जीवछ सहनी , प्रदेश मंंत्री डॉक्टर धर्मशिला गुप्ता , जिला भाजपा उपाध्यक्ष संजीव साह , जिला किसान मोर्चा मंंत्री शिवशंकर झा , पूर्व युवा अध्यक्ष बलराम झा , ऋषभ कुमार , आलोक कुमार आदि ने पहुंचकर युवाओं के प्रेरणा श्रोत युग प्रवर्तक स्वामी विवेकानंद जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित किए । इस दौरान जिला अध्यक्ष श्री सहनी स्वामी विवेकानंद के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका जन्म 1863 ई० में हुआ था । घर का नाम नरेंद्र दत्त था। उनके पिता विश्वनाथ दत्त पाश्चात्य सभ्यता में विश्वास रखते थे। वे अपने पुत्र नरेंद्र को भी अंगरेजी पढ़ाकर पाश्चात्य सभ्यता के ढंग पर ही चलाना चाहते थे। नरेंद्र की बुद्धि बचपन से बड़ी तीव्र थी और परमात्मा को पाने की लालसा भी प्रबल थी।
सन् 1884 में विश्वनाथ दत्त की मृत्यु हो गई। घर का भार नरेंद्र पर पड़ा। घर की दशा बहुत खराब थी। अत्यंत गरीबी में भी नरेंद्र बड़े अतिथि-सेवी थे। स्वयं भूखे रहकर अतिथि को भोजन कराते, स्वयं बाहर वर्षा में रातभर भीगते-ठिठुरते पड़े रहते और अतिथि को अपने बिस्तर पर सुला देते। रामकृष्ण परमहंस की प्रशंसा सुनकर नरेंद्र उनके पास पहले तो तर्क करने के विचार से ही गए थे किंतु परमहंस जी ने देखते ही पहचान लिया कि ये तो वही शिष्य है जिसका उन्हें कई दिनों से इंतजार है। परमहंस जी की कृपा से इनको आत्म- साक्षात्कार हुआ फलस्वरूप नरेंद्र परमहंस जी के शिष्यों में प्रमुख हो गए। संन्यास लेने के बाद इनका नाम विवेकानंद हुआ।
गणपत मिश्रा, संवाददाता, दरभंगा