कौशलेन्द्र पाराशर की विशेष रिपोर्ट /बांग्लादेश आगमन पर शेख हसीना ने जताया भारतीय PM नरेंद्र मोदी का आभार. बांग्लादेश के 50वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री शेख हसीना ने गुरुवार को अपने देश के लोगों से आग्रह किया कि वे आपसी मतभेदों को दूर करें और एक ‘समृद्ध और गैर-सांप्रदायिक’ बांग्लादेश के लिए काम करें. प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने संबोधन में कहा, ‘आज 10 दिवसीय समारोह का समापन है. यह उत्सव 17 मार्च 2020 से शुरू हुआ था, लेकिन महामारी के कारण, हमने अपने अधिकांश कार्यक्रमों को बंद कर दिया था. इसीलिए 2021 में, हमने शेख मुजीबुर रहमान का जन्म शताब्दी उत्सव 16 दिसंबर 2021 तक बढ़ाया है.’ हसीना ने देश की स्वतंत्रता की ‘स्वर्ण जयंती’ की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि बांग्लादेश के लोगों को राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान के सपनों के अनुरूप एवं 1971 के स्वतंत्रता संग्राम से प्रेरित होकर राष्ट्र निर्माण के अपने प्रयासों को नया स्वरूप देना चाहिए.शेख हसीना ने बांग्लादेश में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन पर आभार जताते हुए कहा, ‘मैं पीएम नरेंद्र मोदी का हार्दिक धन्यवाद करती हूं जो इस कोरोना महामारी जैसे समय में भी हमारे आमंत्रण पर यहां आए.’ 26 मार्च से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय बांग्लादेश दौरे पर हैं. कोरोना काल शुरू होने के बाद यह उनकी पहली विदेश यात्रा है. बांग्लादेश के विदेश मंत्री अब्दुल मोमिन से मुलाकात के बाद पीएम नरेंद्र मोदी बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ राष्ट्रीय दिवस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए ढाका के नेशनल परेड ग्राउंड में पहुंचे, जहां उन्होंने कहा, ‘मैं सभी भारतीयों की तरफ से आप सभी को बांग्लादेश के सभी नागरिकों को हार्दिक बधाई देता हू. मैं बॉन्गोबौन्धु शेख मुजिबूर रहमान जी को श्रद्धांजलि देता हूं जिन्होंने बांग्लादेश और यहां के लोगों के लिए अपना जीवन न्योछावर कर दिया.’कार्यक्रम में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमने बांग्लादेश की आजादी के लिए गिरफ्तारी भी दी थी. उन्होंने कहा कि मेरी उम्र 20-22 साल रही होगी जब मैंने और मेरे कई साथियों ने बांग्लादेश के लोगों की आजादी के लिए सत्याग्रह किया था. बांग्लादेश की आजादी के लिए संघर्ष में शामिल होना, मेरे जीवन के भी पहले आंदोलनों में से एक था.