धीरेन्द्र वर्मा की रिपोर्ट /देशभर में वैक्सीन की मांग बढ़ने लगी है. केंद्र सरकार की तरफ से भी कहा गया है कि वैक्सीन प्रोडक्शन बढ़ाया जा रहा है और अगले कुछ महीने में आपूर्ति सामान्य हो जाएगी. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि नवंबर महीने तक भारत की वयस्क आबादी के करीब 40 फीसदी हिस्से का वैक्सीनेशन पूरा कर लिया जाएगा. रिपोर्ट कहती है कि जनवरी 2022 तक 20 प्रतिशत और लोगों का वैक्सीनेशन भी हो जाएगा. इस वित्तीय वर्ष का अंत होते-होते करीब 80 फीसदी आबादी का वैक्सीनेशन कर दिया जाएगा. विश्लेषण में कहा गया है- ‘हमें यह ध्यान रखना होगा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की चीफ साइंटिस्ट सौम्या विश्वनाथन ने कहा है कि 60 से 70 फीसदी आबादी के वैक्सीनेशन पर हम हर्ड इम्युनिटी हासिल कर सकते हैं.’इससे पहले केंद्र सरकार की तरफ से जानकारी दी गई थी कि कोविड-19 वैक्सीन की सप्लाई जून तक तेज होने की संभावना है. जिससे भारत को दिसंबर में खत्म होने वाली सात महीने की अवधि में करीब 300 करोड़ खुराक मिल सकती हैं. अधिकारियों द्वारा तैयार किए गए अनुमानों से पता चलता है कि मई में 8.8 करोड़ खुराक जून तक लगभग दोगुना 15.81 करोड़ खुराक और अगस्त तक चौगुनी 36.6 करोड़ खुराक मिल सकती हैं. सिर्फ दिसंबर में, 65 करोड़ खुराकें उपलब्ध हो सकती हैं, जो मई की संख्या से सात गुना अधिक है.इस संख्या से यह भी पता चलता है कि अगस्त से दिसंबर के बीच करीब 268 करोड़ खुराकें मिल सकती हैं जो कि पहले अनुमान 52 करोड़ से अधिक हैं. जिसने पहली बार कोरोना की दूसरी लहर से पीड़ित देश में इस घातक महामारी के खिलाफ निर्णायक जीत की उम्मीद जगाई है. आलोचकों का मानना है कि केंद्रीय नेतृत्व कर रही भारतीय जानता पार्टी कई राज्यों में वैक्सीनेशन अभियान सुचारू रूप से चलाने में असफल रही है-खासकर कि ऐसे राज्यों में जहां पर गैर-बीजेपी सरकार है- खुराक की कमी की शिकायत करते हुए उनका कहना है कि कई केंद्रों में अभियान ठप हो गया है.