शिवशंकर शुक्ल, मुंबई : राहुल गांधी का यह वक्तव्य हिंदी को राष्ट्र भाषा का दर्जा नही देगे। हिंदी का विरोध करना उनकी मानसिकता को दर्शाता है और उनका विचार है की दक्षिण भारतीय हिंदी नही लिखे, पढ़े ताकि वे एक राज्य तक सीमित रहे। यह कहना है भाजपा नेता व उत्तर भारतीय विकास मंच अध्यक्ष नागेंद्र तिवारी का। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा पिछले शुक्रवार को शिक्षण संस्थाओं और शिक्षको से बात चीत के दौरान कहा था की हिंदी को राष्ट्र भाषा नही बनाएंगे। इस बारे में भाजपा नेता तिवारी ने एक बैठक के दौरान व्यक्त करते हुए यह भी कहा की हिंदी भाषा अधिकतर राज्यो में बोली जानेवाली भाषा है। क्षेत्रीय भाषाओं का ज्ञान होना आवश्यक है बिना उसके विकास नहीं हो सकता लेकिन जिसे हिंदी का ज्ञान नहीं होगा वह अपने राज्य से बाहर जाता है और उसकी भाषा कोई न समझ पाए तो क्या करेगा।
यह राहुल गांधी ने नही बताया। राहुल गांधी हिंदी में बोलते है लेकिन हिंदी विरोधी लगते है। हिंदी भाषिक राज्य के लोगो को चाहिए की ऐसे विचार धारा की पार्टी का नामो निशान मिटा दे। हिंदी के नाम पर हिंदुस्थान बना और हिंदुस्थान के लिए राहुल गांधी का विचार, सोच घातक है। राहुल गांधी आज भारत जोड़ो अभियान चला रहे हैं जब अमित शाह 370 हटाकर कश्मीर को भारत मे पूर्ण रूप से जोड़ रहे थे उस समय राहुल गाँधी सदन में बिरोध कर रहे थे। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस देश को भाषा वाद धर्मवाद के नाम पर भारत के समुदाय को तोड़ने का काम किया हैं। मंच अध्यक्ष नागेंद्र तिवारी ने भी कहा की राहुल गांधी भारत जोड़ो नही कांग्रेस जोड़ो और समाज तोड़ो अभियान चला रहे हैं।