पिंटू की विशेष रिपोर्ट /दुल्हिन बाजार प्रखंड के सदावेह रोड स्थित हाईटेक रेजिडेंशियल स्कूल के प्रांगण में आज दिनांक 03 दिसंबर 2022,दिन-शनिवार को भारतरत्न डा. राजेंद्र प्रसाद की 138वीं जयंती मनाई गई। इस अवसर पर स्कूल के अध्यक्ष श्री राणा प्रताप ने डा. राजेंद्र प्रसाद के चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।इस मौके पर संस्था के अध्यक्ष महोदय श्री राणा प्रताप सर ने कहा कि देश के प्रथम राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद इन स्वतंत्रता सेनानियों में अग्रगण्य थे, जो गांधीजी जी की नीतियों, नेतृत्व और अहिसा आंदोलनों में विश्वास रखते थे। गांधी जी ने अपने तीन सहयोगियों को राष्ट्रीय आंदोलन में महत्वपूर्ण कार्यभार सौंपा था। एक जवाहरलाल नेहरू जो युवा जोश का प्रतिनिधित्व करते थे, दूसरे सरदार पटेल जो लौह ²ढ़ता वाले व्यावहारिक नेता थे और तीसरे डा. राजेंद्र प्रसाद जिनमें गांधीजी को अपनी छवि दिखाई देती थी। सहज व सरल स्वभाव के धनी डा. राजेंद्र प्रसाद स्वतंत्रता संग्राम के मौन मार्गदर्शक थे। सन् 1962 में अवकाश प्राप्त करने पर राष्ट्र ने उन्हें भारत रत्न की सर्वश्रेष्ठ उपाधि से सम्मानित किया। यह उस भूमिपुत्र के लिए कृतज्ञता का प्रतीक था जिसने अपनी आत्मा की आवाज सुनकर आधी शताब्दी तक अपनी मातृभूमि की सेवा की थी। वास्तव में उन्होंने सहिष्णुता की भावना को आत्मसात किया था और हर धर्म हर विचारधारा के प्रति सम्मान जाहिर किया था। हमें भी उनके पदचिह्नों पर चल राष्ट्र के निर्माण में अहम योगदान करना चाहिए। विद्यालय के शिक्षक अंकित कुमार ने कहा कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद अपने जीवन के आखिरी महीने बिताने के लिए उन्होंने पटना के निकट सदाकत आश्रम चुना। यहां पर 28 फरवरी 1963 में उनके जीवन की कहानी समाप्त हुई। हम सभी को इन पर गर्व है और ये सदा राष्ट्र को प्रेरणा देते रहेंगे। इस अवसर पर सभी शिक्षक,शिक्षिकाएं एवम समस्त छात्र-छात्राएं मौजूद रहें.