कौशलेन्द्र पाराशर की रिपोर्ट /बिहार प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव एवं एजाज अहमद ने अपने संयुक्त वक्तव्य में सीबीआई, ईडी और आईटी का दुरूपयोग लोकतंत्र के लिए घातक बताया और कहा कि भाजपा 2024 की हार के डर से आपा और नैतिकता दोनों खो चुकी है।नेताओं ने कहा कि एक ही मामले में बार-बार मुंह की खाने के बावजूद केश को रि-ओपेन करने और जांच कराने में भाजपा को शर्म नहीं आ रही है। माफीवीर लोग अंगे्रजी हुकूमत से भी बदत्तर स्थिति देश में पैदा कर दी है।नेताओं ने आगे कहा कि बिहार विधान सभा होली जैसे त्यौहार में जब छुट्टी हुआ तब माननीय उपमुख्यमंत्री श्री तेजस्वी प्रसाद यादव अपनी गर्भवती पत्नी से मिलने और उनका हालचाल जानने दिल्ली गये तो वहां भी सीबीआई पहुंच गई, इससे ज्यादा बेशर्मी की बात क्या हो सकती है। हद तो तब हो गई जब तेजस्वी जी के बहन और जीजा के यहां भी सीबीआई पहुंच गई। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती राबड़ी देवी और पूर्व मुख्यमंत्री श्री लालू प्रसाद से सीबीआई पूछताछ कर चुकी है। 2017 में भी इसी तरह से फर्जी जांच के बहाने सीबीआई लालू जी के परिवार को तंग करने की नीति अपनाई थी लेकिन उस समय इन्हें मुंह की खानी पड़ी। लैण्ड फाॅर जाॅब मामले में जब कुछ भी प्राप्त नहीं हुआ तो हरियाणा में फर्जी माॅल का सनसनीखेज मामला देश स्तर पर फैलाया गया, वहां भी मंुह की खानी पड़ी। सारे मामले में जब इन्हें मुंह की खानी पड़ी तब अब फिर से सनसनीखेज मामला बनाने के लिए लगातार छापेमारी की कार्रवाई की जा रही है, जो माहौल बनाने का एक साजिश है।
नेताओं ने कहा कि आज देश जानना चाहता है कि 80 हजार करोड़ के मामले जो अडानी से संबंधित है उस पर भाजपा के नेता चुप क्यों हैं? और ये एजेंसियां उन तक क्यों नहीं पहूंची? इसी तरह के एक मामला अभी हाल में कर्नाटक के भाजपा नेता के घर से आठ हजार करोड़ पकड़े गये हैं लेकिन इस पर भाजपा के नेता चुप्पी साधे हुए हैं आखिर क्यों? देश को लगातार भाजपा के नेता लूटते और लुटाते रहे और जब विपक्ष इन्हें आईना दिखाये तो सीबीआई, ईडी, और आईटी का इस्तेमाल विपक्ष के नेताओं पर शुरू कर दिया जाता है। भाजपाईयो से कहना चाहते हैं कि पिछले दरवाजे से जो छापामारी की कार्रवाई की जा रही है इसको बंद करें और स्पष्ट रूप से सामने आकर लड़ाई लड़ें, पीछे से वार क्यों करते हैं? आज देश में हालात इमरजंेसी जैसी बना दी गई है लेकिन हम इन हालात के मुकाबले के लिए तैयार हैं। विपक्षी दलों को डराने, धमकाने और फर्जी मुकदमा बनवाने के लिए जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर जांच करने में गुजराती लाॅबी का इस्तेमाल करने के लिए जो सेवा विस्तार दिया जा रहा है, इससे स्पष्ट होता है कि उनकी मंशा क्या है। वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वर्मा ने जब सवाल किया और कहा कि सीबीआई का इस्तेमाल लालू परिवार को परेशान करने के लिए किया जा रहा है और उसी के लिए गुजराती लाॅबी को सेवा विस्तार दिया जा रहा है तब उन्हें मुंह खोलने से रोका गया और चुप करा दिया गया। लेकिन चाहे जितना भी छापा मारना है मार लो, हम बिहारी डरने वाले नहीं हैं।