जितेन्द्र कुमार सिन्हा,प्रधान संपादक ::यह विडंबना ही है कि देश की नयी संसद, देश को समर्पित, करने की प्रक्रिया चल रही थी और जंतर-मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों एवं उनके समर्थकों द्वारा देश की नयी संसद भवन का घेराव करने की योजना बनाई जा रही थी। यह तो किसान आंदोलन से सबक सीखे दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों व उनके समर्थकों को बलपूर्वक हटा दी। सरकारी काम में बाधा डालने के प्रयास करने वालों पर प्राथमिक भी दर्ज की। अन्यथा किसान आंदोलन की तरह कुछ न कुछ अनहोनी अवश्यक हो जाता।कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष रहे एवं भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग लेकर पहलवानों एवं उनके समर्थकों द्वारा धरना दिया जा रहा था। मामला यह है कि महिला पहलवानों के समर्थन में हुई खाप पंचायत ने नवनिर्मित संसद भवन के उद्घाटन वाले दिन दिल्ली में महिला महापंचायत करने का आह्वान किया था, जिसे चुनौती मानते हुए दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये थे।दिल्ली पुलिस की कार्रवाई के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन का आहवान किया था। लेकिन बाद में किसानों की सलाह पर किसान नेता राकेश टिकैत ने इसे स्थगित करते हुए आगामी पंचायत में पहलवानों का मुद्दा शामिल करने का निर्णय लिया।देखा जाय तो पहलवानों ने 23 अप्रैल से दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दे रहे थे और उनका उद्देश्य राजनीतिक पहचान पाना था। इसमें सहयोग करने के लिए कई राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने शामिल होकर पहलवानों की हौसला बुलंद करने में मदद की। जिसमें पहलवानों के समर्थन में खापों के पदाधिकारी, जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, विभिन्न खेलों के खिलाड़ी, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी एवं किसान नेता शामिल है।महिला पहलवानों ने कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष रहे एवं भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के ऊपर यौन शोषण, वित्तीय अनियमितताओं, बुरे व्यवहार से जुड़े गंभीर आरोप लगाये थे। उन्होंने यह भी कहा कि वह महिला पहलवानों की निजी जिंदगी में दखल देते हैं और परेशान करते हैं। लेकिन किसी आरोप का प्रमाण नहीं दे पाई है। उधर कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष रहे एवं भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह दलील दी है कि यदि माननीय न्यायालय में यह साबित हो जाता है कि यौन शोषण के आरोप सत्य हैं तो वे फांसी पर लटकने को तैयार हैं।केन्द्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने पहलवानों से मुलाकात करके जांच के लिये पांच सदस्यीय निरीक्षण समिति बनाने की घोषणा की थी। जिसमें मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम की अध्यक्षता वाली इस कमेटी में ओलंपिक पदक विजेता पहलवान योगेश्वर दत्त, पहलवान बबीता फोगाट शामिल है। संभवतह जाँच चल रहा है।बृजभूषण शरण सिंह का कहना है कि पहलवानों के पास अगर साक्ष्य हैं, तो वे साबित करें कि बृजभूषण शरण सिंह दोषी है। लेकिन महिला पहलवानों ने यह साबित कर दिया कि उनकी लड़ाई केन्द्र सरकार और नरेन्द्र मोदी से है और अब अपनी मेडल किसान नेता राकेश टिकैत को दे रहें है। लोगों को याद होगा कि एक समय यह भी दौर आया था की केन्द्र सरकार और नरेन्द्र मोदी के विरोध में लोगों ने अपनी मेडल सरकार को वापस किया था। इस से प्रतीत होता है कि महिला पहलवानों की विरोध भी इसी तरह का प्रायोजित लगता है, क्योंकि अब इन्हें भी संविधान खतरे में लगने लगा है और इनका साथ देने वाले लोग वहीं है जो उस समय में भी विरोध करते थे।
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