Kaushlendra Pandey /RSS द्वारा जातिगत जनगणना पर की गई खतरनाक टिप्पणी एक बार फिर साबित करती है कि RSS और भाजपा SC/ST, OBC वर्गों के प्रति अपनी नकारात्मक वैचारिक मानसिकता को त्याग नहीं सकते।सामाजिक आर्थिक असमानता को दूर करने एवं विकास में पिछड़े,अतिपिछड़े और दलित समुदायों की व्यापक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए जातिगत जनगणना के वैज्ञानिक आँकड़े प्राण वायु का काम करेंगे। क्या संघ अपने संगठन की “विशिष्ट जाति केंद्रित” व्यवस्था पूरे देश में चाहता है?संसद को खामोश कर लीजिए लेकिन सड़कों पर उबाल आएगा और आप सँभाल नहीं पाएँगे। दलितों, पिछड़ों और गरीबों ने बाबा साहेब के विचारों को आत्मसात कर लिया है। अब हकमारी नही चलेगी।