पटना: जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने आज कहा है कि प. बंगाल के संदेशखाली में गरीब और पिछड़े वर्ग की महिलाओं के साथ टीमसी के गुंडों द्वारा किये गये अत्याचार, उत्पीड़न और यौन उत्पीड़न को लेकर ममता सरकार की थू-थू हो रही है. देश गुस्से से उबल रहा है, दूसरी तरफ राजद-कांग्रेस जैसे इंडी एलायंस के घटक दलों के नेताओं के मुंह से पीड़ित महिलाओं के लिए संवेदना के दो शब्द नहीं निकल रहे. ऊपर से पीड़ितों के जले पर नमक छिडकते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे कहते हैं कि‘यह सब वहां चलते रहता है’. यह दिखाता है कि एनडीए के विरोध में इंडी गठबंधन के नेताओं ने अपने आत्मसम्मान को भी जमींदोज कर दिया है. महिलाओं के सम्मान के प्रति यह लोग पूरी तरह संवेदनहीन हो गये हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे भी राजद कांग्रेस जैसे दलों का इतिहास गवाह है कि इनके राज में सबसे अधिक कहर महिलाओं पर ही टूटा है. याद करें तो जो संदेशखाली की ही तरह राजद के राज में भी सत्ता समर्थित गुंडों द्वारा लड़कियों को दिन दहाड़े उठा लिया जाता था. यहां तक कि बड़े अधिकारीयों की बहू-बेटियां भी सुरक्षित नहीं थी. महिलाओं के साथ ज्यादती होना आम बात थी. इसी तरह कांग्रेस के राज में भी महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार होना रोजाना का मामला था. यहां तक कि गाँधी परिवार के करीबी लोगों पर भी महिलाओं का अपमान करने के आरोप लग चुके हैं. जदयू प्रवक्ता ने कहा कि यदि राजद-कांग्रेस में थोड़ी भी नैतिकता होती तो इनके युवराज ममता सरकार की निर्ममता के खिलाफ जरुर आवाज उठातें, लेकिन गठबंधन करके कुछ वोट पाने की फिराक में उन्होंने अपने मुंह सिल रखे हैं.उन्हें समझ लेना चाहिये कि जनता अब और अधिक जागरूक हो चुकी है. लोग महिलाओं का अपमान करने वाले और उनका मौन समर्थन करने वालों को बर्दाश्त करने वाले नहीं है. आगामी चुनाव में उन्हें इसका खामियाजा जरुर भोगना पड़ेगा.