नई दिल्ली: राहुल गाँधी पर चुटकी लेते हुए जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने आज कहा है कि कांग्रेस के अवतारी पुरुष और युवराज राहुल गाँधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा, कांग्रेस छोड़ो यात्रा में बदल चुकी है. उनके इस कारनामे से देश अब कांग्रेस मुक्त भारत की ओर तेजी से बढ़ने लगा है. उन्होंने बार-बार यह साबित किया है कि उनका अवतार कांग्रेस को समाप्त करने के लिए ही हुआ है, लेकिन परिवार की गुलामी के में अंधी बनी कांग्रेस पार्टी अभी भी उन्हें सरताज बनाये बैठी है. आलम यह है कि राहुल की तथाकथित न्याय यात्रा अब कांग्रेस छोडो यात्रा बन चुकी है. उनकी इस यात्रा की शुरुआत से अब तक कांग्रेस के दो दर्जन से अधिक पूर्व मुख्यमंत्री, सांसद, विधायक और दिग्गज नेता पार्टी को अलविदा कह चुके हैं. यहां तक कि इस यात्रा के गुजरात पहुंचने से पहले ही वहां के दिग्गज नेता और विधायक अर्जुन मोढवाडिया ने पार्टी को अलविदा कह दिया है. उन्होंने कहा कि हकीकत में कांग्रेस पार्टी के अंदर अभी जो हलचल है, वह हाल-फिलहाल से नहीं है, बल्कि गांधी परिवार के अहंकार और अंतर्कलह की वजहों से काफी सालों से है. कभी राहुल गांधी के आसपास ज्योतिरादित्य सिंधिया, मिलिंद देवड़ा, आरपीएन सिंह, जितिन प्रसाद समेत अन्य युवा नेता दिखते थे. लेकिन राहुल के अहंकार की वजह से ये सभी नेता कांग्रेस और राहुल गांधी दोनों का साथ छोड़ चुके हैं. लेकिन गाँधी परिवार का अहंकार घटने के बजाए और बढ़ गया. यही वजह है कि इन दिनों कांग्रेस को रोज एक न एक झटका लग रहा है. उनके नेता कब उनका साथ छोड़ दें पता नहीं चलता.जदयू प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस की इस दुर्दशा के लिए राहुल की सलाहकार मंडली भी अच्छी-खासी जिम्मेदार है. जमीनी हकीकत से कटे अपने इन्हीं मित्रों की सलाह पर राहुल अपनी नीतियां बनाते हैं, जिसका खामियाजा उन्हें हर बार उठाना पड़ता है. इन्हीं मित्रों की सलाह पर उनका मोदी विरोध देश विरोध तक में बदल गया. यहां तक कि वह भगवान राम तक की खिलाफ़त करने लगे हैं. यही वजह है कि पार्टी में उनके खिलाफ उठने वाली आवाजें और तेज होने लगी हैं. आगामी लोकसभा चुनाव के बाद यदि कांग्रेस कई टुकड़ों में टूट जाए तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए.