गरीबी और चमकी
आज के दौर मे भी गरीबी का दूसरा नाम चमकी है.
बिहार के मुज्जफरपुर मे चमकी बुखार का भुत फिर से आ गया, पुरे बिहार मे 500 गरीब बच्चे सरकारी हॉस्पिटल मे भर्ती है. गरीब होना आज के समय मे आज के समय मे बहुत ही बड़ा अभिशाप है.
चमकी बुखार का असर 1से 15 साल तक के बच्चे होते है. डाक्टर का मानना है की आज के समय
मे गंदगी, भूख, खाली पेट लीची खाना होता है लेकिन इसका मुख्य दोषी कौन है सरकार या पिता जिसने उस बच्चे को जन्म दिया. गरीबो को समय समय पे अब बताना होगा की कैसे इन बीमारी से बचाने के लिये सरकार को हमेशा तत्पर रहना होगा. आज डॉ को भगवान समझा जाता है लेकीन आज के दौर मे डॉ एक तरह गुंडागर्दी पे उतर जा रहे है दूसरे तरफ सरकारी हॉस्पिटल मे इलाज भगवान भरोसा चल रहा है,
मै मुज्जफरपुर हॉस्पिटल मे उपस्थित था जब मुख्यमंत्री नीतीश वहां पहुचे, और गो बैक के नारों से गूंज उठा हॉस्पिटल.
मै काँप गया की मुख्यमंत्री कहा दोषी है. दोषी तो आप और आपकी गरीबी है. अगर इन बीमारी से लड़ना है तो राज्य के सभी हॉस्पिटल को गरीबो के लिये खोलना पड़ेगा. मैंने देखा और पाया की एक तरफ सरकारी ब्यवस्था दूसरे तरफ गरीब होने के कारण भी लगातार इतनी बच्चे की मौत हो रही है और सरकारी हॉस्पिटल को दुरुस्त करने की जरुरत है, तभी ऐसी गरीब आपदा से बचा जा सकेगा.
कौशलेन्द्र पाराशर
एडिटर.