भोपाल
इंदिरा गांधी अस्पताल में सोमवार शाम एक प्रसूता डॉक्टर के सामने दर्द से कराहती रही, लेकिन डॉक्टर ने यह कहकर इलाज करने से मना कर दिया कि केस क्रिटिकल है, इन्हें सुल्तानिया अस्पताल में ले जाओ। प्रसूता के परिजन डॉक्टर के सामने इलाज के लिए मन्नत करते रहे, फिर डॉक्टर का दिल नहीं पसीजा। डॉक्टर ने परिजनों से साफ शब्दों में कह दिया इनका जो डॉक्टर इलाज कर रही थी, वह छुट्टी पर है और महिला की तबीयत ज्यादा खराब है, इसलिए इन्हें सुल्तानिया अस्पताल में ले जाओ। इसके बाद परिजन प्रसूता को लेकर सुल्तानिया
अस्पताल पहुंचे। करीब तीन घंटे बाद महिला को भर्ती किया गया। जानकारी के मुताबिक शाहजहांनाबाद निवासी सबिया पति नईम का इंदिरा गांधी अस्पताल में इलाज चल रहा है। डॉक्टर ने उन्हें 15 सितंबर की डिलेवरी की तारीख दी थी। सोमवार शाम छह बजे महिला के पेट में तेज दर्द होने के साथ सांस लेने में तकलीफ होने पर परिजन महिला को लेकर इंदिरा गांधी अस्पताल पहुंचे थे। यहां ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर ने प्रसूता का इलाज करने से मना कर दिया। डॉक्टर ने कहा कि केस क्रिटिकल है इन्हें सुल्तानिया अस्पताल में भर्ती करा दो। परिजन डॉक्टर ने इलाज करने की गुहार करते रहे, लेकिन डॉक्टर ने कहा कि यह केस जो डॉक्टर देख रही वह भी छट्टी पर है, इसलिए मैं इनका इलाज भी नहीं कर सकती। परिजन प्रसूता को इंदिरा गांधी अस्पताल से सुल्तानिया अस्पताल लेकर पहुंचे तो महिला को भर्ती तो कर लिया, लेकिन सीजिरियन डिलेवरी के लिए फार्म भी भरा लिए, फिर तीन घंटे बीत जाने के बाद भी अभी डिलेवरी नहीं हुर्द है। महिला के पति ने कहा कि तीन घंटे एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल के चक्कर लगा रहे है, फिर भी कोई सुनने वाला नहीं है। सुल्तानिया अस्पताल में भर्ती तो कर लिया है, लेकिन अभी तक सीजिरियन डिलवेरी करने वाली डॉक्टर नहीं आई है। नर्सों का कहना है कि जब तक डॉक्टर नहीं आती, इंजतार तो करना पड़ेगा।
कौशलेन्द्र पराशर