३१ मार्च। उदितमान सूर्य को अर्घ्य-दान के साथ सूर्योंपासना का अत्यंत महनीय पर्व सूर्य-सष्टि व्रत आज संपन्न हो गया। बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने अपने घर पर आहूत। लोक-आस्था के इस महा पर्व के अंतिम दिन उग रहे नवल सूर्य को इस प्रार्थना के साथ अर्घ्य प्रदान किया कि समस्त वसुधा ‘कोरोना’ रूपी महामारी से मुक्त हो जाए तथा सम्पूर्ण मानव-जाति आरोग्य को प्राप्त हो।
स्मरणीय है कि डा सुलभ की धर्म-पारायण पत्नी किरण झा, वर्षों से यह पर्व करती आ रही हैं। ‘कोरोना’ के कारण सबसे स्वयं को अलग-थलग रखने के महान अभियान को ध्यान में रखते हुए, यहाँ भी बिलकुल सादे समारोह में, अस्ताचल सूर्य को अर्घ्य दिया गया। केवल परिवार के सदस्य, तीनों पुत्र आकाश, आभास और अहसास, दोनों पुत्र-वधुएँ मेनका और आकाश तथा पौत्र उत्तर उत्तरायण और कीर्त्यादित्य के अतिरिक्त घर में कार्यरत सेवी-जन ही अर्घ्य-दान में हिस्सा लिया।