दिल्ली. देश भर में कोरोना वायरस का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है. पिछले कुछ दिनों से हर रोज़ औसतन 80 हज़ार से ज्यादा नए केस सामने आ रहे हैं, लेकिन इस बीच अच्छी खबर ये है कि भारत बायोटेक की तरफ से बनाई जा रही कोरोना की वैक्सीन के पहले फेज का क्लीनिकल ट्रायल पूरा हो गया है. अब कंपनी ने ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से दूसरे दौर के क्लीनिकल ट्रायल के लिए इजाजत मांगी है. उम्मीद की जा रही है कि दूसरे दौर के ह्यूमन ट्रायल भी कुछ ही हफ्तों में शुरू कर दिए जाएंगे.दूसरे दौर के क्लीनिकल ट्रायल.भारत बायोटेक ने दूसरे दौर के क्लीनिकल ट्रायल को लेकर सबजेक्ट कमेटी (SEC) को चिट्टी लिखी है. DCGI के डॉक्टर एस एश्वर्या रेड्डी ने इसके जवाब में 380 लोगों पर ट्रायल करने का सुझाव दिया है. बता दें कि किसी भी वैक्सीन में आमतौर पर तीन फेज में क्लीनिकल ट्रायल होते हैं. पहले फेज में ये पता लगाया जाता है कि क्या इसके इस्तेमाल से लोगों को कोई साइड इफ्केट तो नहीं हो रहा. यानी ये पता लगाया जाता है कि क्या इसका इस्तेमाल सुरक्षित है या नहीं. इस दौर में कम संख्या में लोगों को ट्रायल में शामिल किया जाता है. दूसरे फेज में ज्यादा लोगों पर ट्रायल कर वैक्सीन कितना असरदार है ये पता लगाया जाता है, जबकि तीसरे और आखिरी फेज में हजारों लोगों पर ट्रायल किया जाता है.भारत बायोटेक ने पहले फेज में 12 शहरों में वैक्सीन के ट्रायल किए. इस दौरान इसमें 375 लोगों ने हिस्सा लिया. बता दें कि भारत में इस वक्त तीन वैक्सीन पर काम चल रहा है. गुजरात की कंपनी जायडस कैडिला हेल्थ केयर लिमिटेड और सीरम इंस्टिट्यूट पूणे दूसरे दौर का क्लीनकल ट्रायल पहले ही शुरू कर चुकी है. सीरम इंस्टिट्यूट ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की तरफ से तैयार किए जा रहे वैक्सीन की ट्रायल भारत में कर रहा है.जल्द शुरू होगा प्रोडक्शन.बता दें कि इस साल 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि जैसे ही वैज्ञानिकों से वैक्सीन को लेकर हरी झंडी मिल जाएगी, हमारे यहां बड़े स्तर पर इसका निर्माण शुरू कर दिया जाएगा. पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने भाषण में कहा, ‘मैं लोगों को बताना चाहता हूं कि हमारे वैज्ञानिकों का टैलेंट ऋषि मुनि की तरह है और वो लैबोरेटरीज में कड़ी मेहनत कर रहे हैं.
धीरेन्द्र वर्मा की रिपोर्ट.