कौशलेन्द्र पाराशर की रिपोर्ट /आधुनिक बिहार के निर्माता श्री नीतीश कुमार जी, माननीय मुख्यमंत्री, बिहार के 70वें जन्मदिवस पर उनके आरोग्यमय जीवन के लिए शुभकामनाएं प्रकट करते है। ‘विकास दिवस’ के अवसर पर राज्य की जनता, माननीय मुख्यमंत्री जी के समर्थकों, प्रशंसकों ने भी हार्दिक बधाई दी. बिहार महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष और जेडीयू की वर्तमान प्रवक्ता अंजुम आरा ने मुख्यमंत्री से मिलकर बधाई दी. कंट्री साइड न्यूज़ के प्रबंधन परिवार की तरफ से मुख्यमंत्री जी को मैनेजिंग एडिटर कौशलेंद्र पराशर ने बधाई दी.माननीय मुख्यमंत्री, श्री नीतीश कुमार जी का जन्म 1 मार्च 1951 को बख्तियारपुर में हुआ था। आज माननीय मुख्यमंत्री जी अपने स्वर्णिम जीवन का 70वां साल पूरा कर रहे हैं। कई दशकों से राज्य के विकास के लिए सतत् प्रयत्नशील रहने वाले श्री नीतीश कुमार जी के जन्मदिवस को ‘विकास दिवस’ के रूप में मनाये जाने की खबर से मुख्यमंत्री बिहार खुश दिखे और उन्होंने अपने फेसबुक वॉल से बिहार वासियों को लिखा “हम हर्षित है “। जदयू प्रवक्ता अंजुम आरा ने लिखा, हर साल की उम्र हो सौ सालबिहार को निराशा एवं अंधकार से निकाल कर एक नये सवेरे की ओर ले जाने, व न्याय के साथ सबका विकास की अवधारणा को जमीन पर उतारकर उससे समाज को सशक्त करने वाले, माननीय मुख्यमंत्रीम श्री नीतीश कुमार जी को 70 वें जन्मदिवस पर मेरी ढ़ेरों शुभकामनायें।आपके नेतृत्व में बिहार एक सशक्त और विकसित राज्य होने की ओर अग्रसर है।लोकसभा में अपने पहले कार्यकाल के दौरान नीतीश कुमार केन्द्रीय राज्य मंत्री बनाए गए. उन्हें भूतल परिवहन और रेलवे मंत्रालय का भार सौंपा गया. लेकिन गैसल में हुई भीषण ट्रेन दुर्घटना के बाद उन्होंने इस पद से इस्तीफा से दिया और कृषि मंत्री बने. वर्ष 1991 में नीतीश कुमार दोबारा लोकसभा के लिए चुने गए और साथ ही राष्ट्रीय स्तर के महासचिव बनाए गए. उन्होंने लगातार वर्ष 1989 से 2004 तक बाढ़ निवाचन क्षेत्र से लोकसभा का चुनाव जीता. वर्ष 2001 से 2004 के बीच एनडीए की सरकार के कार्यकाल के दौरान नीतीश कुमार ने कैबिनेट मंत्री के तौर पर रेल मंत्रालय संभाला. वर्ष 2004 में नीतीश कुमार ने नालंदा और बाढ़ दोनों जगहों से चुनाव लड़ा, जिसमें उन्हें नालंदा निर्वाचन क्षेत्र में तो जीत प्राप्त हुई लेकिन वह अपने पारंपरिक क्षेत्र बाढ़ में हार गए.पहली बार मार्च 2000 में वह मुख्यमंत्री पद पर आसीन हुए लेकिन बहुमत साबित ना कर पाने के कारण केवल 7 दिनों में ही उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. लेकिन जब वर्ष 2005 में लालू यादव के पंद्रह वर्ष से चले आ रहे एकाधिकार को समाप्त कर नीतीश कुमार ने एनडीए गठबंधन को बिहार विधानसभा चुनाव में जीत दिलवाई तब उन्हें ही प्रदेश का मुख्यमंत्री निर्वाचित किया गया.17 मई 2014 को उन्होंने भारतीय आम चुनाव, 2014 में अपने पार्टी के खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और उसके बाद 68 वर्षीय जीतन राम मांझी ने बिहार के 23वें मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। नीतीश कुमार ने ही मुख्यमंत्री के रूप में जीतन राम मांझी के नाम की पेशकश की थी। हालांकि, वह बिहार में राजनीतिक संकट के चलते फरवरी 2015 में कार्यालय में लौट आये और नवंबर 2015 की बिहार विधान सभा चुनाव,२०१५ जीता। वह 10 अप्रैल 2016 को अपनी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित हुए.
2019 के आगामी चुनाव में कई राजनेताओं लालू यादव, तेजस्वी यादव और अन्य ने भारत में प्रधानमंत्री पद के लिए उन्हें प्रस्तावित किया, हालांकि उन्होंने ऐसी आकांक्षाओं से इनकार किया। 26 जुलाई, 2017 को सीबीआई द्वारा एफआईआर में उपमुख्यमंत्री और लालू प्रसाद यादव के पुत्र तेजस्वी यादव के नामकरण के कारण नीतीश कुमार ने फिर से बिहार के मुख्यमंत्री पद से गठबंधन सहयोगी आरजेडी के बीच मतभेद के चलते इस्तीफा दे दिया था। कुछ घंटे बाद, वह एनडीए गठबंधन में शामिल हुए और मुख्यमंत्री पद की पुनः शपथ ली।