पटना, ८ मार्च। हिन्दी काव्य साहित्य में सबसे लम्बी कविता लिखने वाले महाकवि काशीनाथ पाण्डेय अद्भुत काव्य-प्रतिभा संपन्न एक ऐसे प्रयोगधर्मी कवी थे, जिन्हें ‘अक्षर-पुरुष’ कहा जा सकता है। वे एक महान भाषाविद थे। उन्हें अक्षरों के भी अर्थ ज्ञात थे और अनेक भाषाओं का भी गहरा ज्ञान था। ‘बयाने-क्रौंच ताईर’ नामक उनकी एक कविता तीस हज़ार छः सौ नब्बे पंक्तियों की है, जो एक विश्व कीर्तिमान है। इस कविता में उनके विशद भाषा ज्ञान और विविध भाषाओं के अद्भुत प्रयोग के सामर्थ्य को भी देखा जा सकता है। उनके शब्द और अर्थ-बोध भी चमत्कारिक हैं।यह बातें सोमवार को बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में महाकवि की जयंती पर आयोजित समारोह की अध्यक्षता करते हुए, सम्मेलन अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने कही। डा सुलभ ने कहा कि पाण्डेय जी के विपुल साहित्य में उनके काव्य-कौशल और प्रतीक-प्रयोग के सौंदर्य को देखा और अनुभव किया जा सकता है।समारोह के मुख्यअतिथि तथा विश्वविद्यालय सेवा आयोग, बिहार के अध्यक्ष डा राजवर्द्धन आज़ाद ने कहा कि, महाकवि काशीनाथ पाण्डेय के महान साहित्यिक व्यक्तित्व से नई पीढ़ी को अवगत कराया जाना चाहिए। नई पीढ़ी को महाकवि के लिए, सम्मेलन की ओर से बिहार विधान परिषद की पूर्व सदस्य प्रो किरण घई सिन्हा ने कहा कि, महाकवि काशीनाथ पाण्डेय को जब भी स्मरण करती हूँ तो ‘कबीर’स्मरण होते हैं, जो बनी बनाई लीक पर नहीं चले अपनी अलग लीक बनाई। पाण्डेय जी ने काव्य के पारंपरिक मार्ग से अलग हट कर नूतन मार्ग का निर्माण किया। उनके काव्य-पाठ में भी एक अनूठापन था।सम्मेलन के उपाध्यक्ष डा शंकर प्रसाद, डा कल्याणी कुसुम सिंह, डा ब्रज किशोर पाण्डेय, वरुण कुमार सिंह, कुमार अनुपम, राज कुमार प्रेमी ने भी अपने विचार व्यक्त किए।इस अवसर पर, महाकवि की काव्य-साधना पर आयोजित व्याख्यान तथा काव्य-पाठ प्रतियोगिता भी संपन्न हुई, जिसमें विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्रगण तथा स्वतंत्र छात्र-छात्राओं ने भी भाग लिया। सफल प्रतिभागियों को पदक और प्रमाणपत्र देकर पुरस्कृत किया गया। सर्वाधिक १८ की संख्या में पदक प्राप्त होने के फलस्वरूप इस वर्ष की ‘चलंत-विजय-स्मृतिका’ पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के हाथ आई। निर्णायक-मंडल में वरिष्ठ कवयित्री डा मधु वर्मा, डा कल्याणी कुसुम सिंह तथा कविता चौधरी सम्मिलित थीं। आयोजन का संचालन महाकवि की पुत्रवधु और सम्मेलन की कलामंत्री डा पल्लवी विश्वास ने किया। धनयवाद-ज्ञापन कृष्ण रंजन सिंह ने किया।प्रतियोगिता में प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों के नाम इस प्रकार रहे;-व्याख्यान प्रतियोगिता ;- ( स्नातक श्रेणी ) प्रथम स्थान कुमारी श्वेता, द्वितीय स्थान- प्रिंस कुमार , तृतीय स्थान – सौम्या कुमारी काव्य-पाठ प्रतियोगिता;- (स्नातक श्रेणी)प्रथम स्थान संध्या कुमारी , द्वितीय स्थान-अंजलि प्रसाद, तृतीय स्थान – शुभम कुमार ।(परास्नातक ) प्रथम- ब्राह्मणि , द्वितीय- संध्या कुमारी, तृतीय – कंचन कुमारी तथा रेखा कुमारी,( स्वतंत्र श्रेणी ) प्रथम स्थान -सृजा, द्वितीय – रौशन महाराज, तृतीय – स्वस्तिका श्री (सांगितिक काव्यपाठ स्नातक ) प्रथम- वंश प्रभात, द्वितीय अदिति कुमारी, तृतीय प्रगति अवस्थी (सांगितिक काव्य-पाठ परास्नातक ) प्रथम- मोहित मयंक, द्वितीय- अर्चना भारतीस्वतंत्र श्रेणी सांगितिक ) – प्रथम- अभिजीत उपाध्याय, द्वितीय- सुभाषिणी, तृतीय- काशिका पाण्डेय इस अवसर पर, डा गौरी नाथ राय, डा शालिनी पाण्डेय, नूतन सिन्हा, माधुरी भट्ट, इन्दु उपाध्याय, नरेंद्र झा, डा नागेश्वर प्रसाद यादव, डा कुमकुम रानी, निशा परासर, अविनय काशीनाथ, आयुर्मान यास्क समेत बड़ी संख्या में प्रतिभागी उपस्थित थे।