धीरेन्द्र वर्मा की रिपोर्ट /कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर मचे हाहाकार के बीच सियासी तकरार भी जारी है. हाल ही में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर कुछ मेडिकल उपकरणों, दवाइयों और कोरोना से संबंधित अन्य चीजों पर लगने वाली कस्टम ड्यूटी और जीएसटी में छूट की मांग की थी. जिस पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अब जवाब दिया है. वित्त मंत्री ने सामानों की लिस्ट जारी करके बताया है कि कोरोना से संबंधित इन उत्पादों को 3 मई को ही जीएसटी की सीमा से बाहर कर दिया गया था, जबकि इन पर कस्टम ड्यूटी/ हेल्थ सेस भी माफ किया जा चुका है.ममता बनर्जी की चिट्ठी के जवाब में निर्मला सीतारमण ने ट्वीट के जरिए एक लिस्ट जारी करके उन आइटम्स की सूची शेयर की, जिनके आयात पर 3 मई से IGST में छूट दी गई थी. इन उत्पादों पर कस्टम ड्यूटी और हेल्थ सेस में पहले ही छूट दी जा चुकी है. सीतारमण ने लिखा कि कोविड राहत सामग्री से आईजीएसटी समेत कस्टम ड्यूटी से राहत दी गई है. जो कि इंडियन रेड क्रॉस ने आयात किया है, जिसे कि देश में निशुल्क वितरित किया जाएगा.वित्त मंत्री ने लिखा कि रेमसिडिवीर इंजेक्शन, रेमसिडिवीर एपीआई और इस दवा को बनाने के इस्तेमाल में आने वाली सामग्रियों को 3 मई 2021 से तत्काल प्रभाव से सभी ड्यूटियों से मुक्त कर दिया गया है.सीतारमण ने कहा कि इसके साथ ही मेडिकल ऑक्सीजन के लिए, ऑक्सीजन के निर्माण, भंडारण और परिवहन के लिए उपयोग किए जाने वाले उपकरण, कोविड रोगियों को ऑक्सीजन थेरेपी प्रदान करने के लिए उपयोग किए जाने वाले उपकरण जैसे ऑक्सीजन कंसेट्रेटर्स, वेंटिलेटर्स, नॉन-इनवेसिव ऑक्सीजन मास्क आदि. इसके साथ ही इंफ्लेमेट्री डायग्नोस्टिक किट और कोविड टेस्टिंग और कोविड वैक्सीन के लिए रीजेंट्स.वित्त मंत्री ने लिखा यह छूट राज्य सरकार द्वारा जारी प्रमाण पत्र के आधार पर किसी भी संस्था, राज्य सरकार, राहत एजेंसी या स्वायत्त निकाय द्वारा देश में मुफ्त वितरण के लिए निशुल्क आयात किए जाने पर उपरोक्त सभी वस्तुओं पर लागू होती है.सीतारमण ने कहा इन वस्तुओं की उपलब्धता को बढ़ाने के लिए, सरकार ने बुनियादी सीमा शुल्क और स्वास्थ्य उपकर से उनके वाणिज्यिक आयात पर पूर्ण छूट भी प्रदान की है.निर्मला सीतारमण ने कहा कि टीकों पर 5%, कोविड दवाओं, ऑक्सीजन कंसेट्रेटर्स पर 12% इन वस्तुओं के घरेलू आपूर्ति और वाणिज्यिक आयात पर भिन्न दरों से जीएसटी लागू होता है. कहा यदि एक आइटम पर IGST 100 रुपये एकत्र किया जाता है, तो केंद्र और राज्यों को क्रमशः CGST और SGST के रूप में 50 रुपये मिलते है. इसके अलावा सीजीएसटी का 41% राजस्व राज्यों को दिया जाता है. तो 100 रुपये में से, करीब 70.50 रुपये राज्यों का हिस्सा है.सीतारमण ने बताया कि यदि जीएसटी से पूर्ण छूट दी गई, तो इन वस्तुओं के घरेलू उत्पादक अपने इनपुट और इनपुट सेवाओं पर भुगतान किए गए करों की भरपाई करने में असमर्थ होंगे और अंत में उनकी कीमत बढ़ाकर वह उपभोक्ताओं से वसूलेंगे.वित्त मंत्री ने कहा भारत सरकार 45 साल से ऊपर के लोगों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को कोविड के टीके निशुल्क दे रही है. सरकारी आपूर्ति पर, सरकार द्वारा GST का भुगतान भी किया जाता है. वैक्सीन पर एकत्रित किया गया जीएसटी, आधा केंद्र और आधा राज्यों को दिया जाता है. इसके अलावा, केंद्र के 41% में से भी राज्यों को दिया जाता है. इसलिए राज्यों को टीकों से प्राप्त कुल राजस्व का लगभग 70% प्राप्त होता है. वास्तव में, मामूली 5% GST वैक्सीन के घरेलू निर्माता और नागरिकों के हित में है.निर्मला सीतारमण ने कहा कि यदि जीएसटी से पूर्ण छूट दी गई है, तो वैक्सीन निर्माता अपने इनपुट करों की भरपाई नहीं कर पाएंगे और मूल्य में वृद्धि कर देंगे जो कि अंतिम उपभोक्ता यानी नागरिकों को चुकाना पड़ेगा. 5% जीएसटी दर सुनिश्चित करती है कि निर्माता आईटीसी का उपयोग करने में सक्षम है और आईटीसी के अतिप्रवाह के मामले में, रीफंड करें. पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर कहा था कि – राज्य सरकार कोरोना महामारी से निपटने की कोशिश में लगातार जुटी हुई है. इस दौरान बड़ी संख्या में लोग व्यक्तिगत और संगठित तौर पर ऑक्सीजन, ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर, सिलेंटर और कोविड से जुड़ी दवाइयों के डोनेशन की पेशकश कर रहे हैं. ऐसे में ममता बनर्जी ने अपील की थी कि इन उत्पादों को जीएसटी और कस्टम ड्यूटी जैसे टैक्स से छूट दी जाए.