कौशलेन्द्र पाराशर की रिपोर्ट /8 साल बाद गोवा की सेशल कोर्ट से तरुण तेजपाल को बरी कर दिया गया है. तहलका मैगजीन के पूर्व प्रधान संपादक तरुण तेजपाल पर साल 2013 में गोवा के एक होटल की लिफ्ट में महिला साथी के साथ यौन उत्पीड़न करने का आरोप था. तहलका मैगजीन के पूर्व प्रधान संपादक तरुण तेजपाल पर सहकर्मी ने ही उन पर यौन शोषण का आरोप लगाया था. तरुण तेजपाल के खिलाफ गोवा पुलिस ने नवंबर 2013 में मामला दर्ज किया था. गोवा पुलिस की एफआईआर के बाद तरुण तेजपाल को गिरफ्तार कर लिया गया था. तरुण तेजपाल मई 2014 से जमानत पर बाहर हैं. गोवा पुलिस ने फरवरी 2014 में उनके उनके खिलाफ 2846 पन्नों की चार्जशीट दायर की थी.तेजपाल भारतीय दंड संहिता की धारा 341 (गलत तरीके से रोकने), 342 (रोककर रखना), 354 (गरिमा भंग करने की मंशा से प्रताड़ना), 354-ए (यौन उत्पीड़न), 354 बी (महिला पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग), 376 (2) (एफ) (ऊंचे पद पर आसीन व्यक्ति द्वारा महिला के खिलाफ अपराध) और 376 (2) (के) (ऊंचे पद पर आसीन व्यक्ति द्वारा बलात्कार) के तहत मुकदमे का सामना कर रहे हैं.महिला पत्रकार ने आरोप लगाया था कि गोवा में तहलका के एक इवेंट में वह गई थी. इवेंट की रात जब वह एक गेस्ट को उसके कमरे तक छोड़ कर वापस लौट रही थी, तभी होटल के ब्लॉक 7 की लिफ्ट के पास उसे तरुण तेजपाल मिल गए. तेजपाल ने गेस्ट को दोबारा जगाने की बात कह अचानक उसे वापस लिफ्ट के अंदर खींच लिया. इसके बाद उन्होंने लिफ्ट बीच में ही रोक दी और उनके साथ जो किया उसने तरुण तेजपाल को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया.