कौशलेन्द्र पाराशर की रिपोर्ट /मंत्री नितिन गडकरी ने सत्तारूढ़ दल और विपक्ष दोनों को आईना दिखाया, नितिन गडकरी ने प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बी.वाजपेयी भारतीय लोकतंत्र के आदर्श नेता बताया . उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सत्ता पक्ष हो या विपक्ष, दोनों को आत्मनिरीक्षण करते हुए सम्मान के साथ काम करना चाहिए. अंग्रेजी अखबार को दिये इंटरव्यू में गडकरी ने कहा कि नेहरू और वाजपेयी, यह हिन्दुस्तान के लोकतंत्र के दो आदर्श नेता थे और दोनों कहते थे कि मैं अपने लोकतंत्र की मर्यादा का पालन करुंगा. उन्होंने कहा, ‘अटलजी की विरासत हमारी प्रेरणा है और पंडित जवाहरलाल नेहरू का भी भारतीय लोकतंत्र में बड़ा योगदान था.केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा कि ‘सभी पार्टियों ने… मैं भी पार्टी का अध्यक्ष रह चुका हूं… सत्तारूढ़ दल और विपक्ष एकबार आत्मपरीक्षण करें … क्योंकि आज जो विपक्ष है, वह कल की सत्तारूढ़ पार्टी है. आज की सत्तारूढ़ पार्टी कल का विपक्ष है. हमारे रोल बदलते रहते हैं.कांग्रेस पार्टी की स्थिति के बारे में बोलते हुए गडकरी ने कहा कि एक ‘मजबूत विपक्ष’ ‘एक सफल लोकतंत्र में आवश्यक’ है. बीते दिनों संपन्न हुए सदन के मानसून सत्र में हुए हंगामों पर दुख जाहिर करते हुए गडकरी ने कहा- ‘मैं तो जीवन में अनेक सालों तक विपक्ष में भी काम कर चुका हूं. तो कहीं ना कहीं सब लोग मर्यादा का पालन करते जाएं.सत्ताधारी दल और विपक्ष को ‘लोकतंत्र के दो पहिये’ बताते हुए मंत्री ने कहा- ‘इस लोकतंत्र को सफल बनाने के लिए एक मजबूत विपक्ष भी आवश्यक है. नेहरू ने हमेशा वाजपेयी जी का सम्मान किया और कहा कि विपक्ष भी जरूरी है.’ उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की सफलता के लिए सत्ताधारी दल पर विपक्ष का कड़ा नियंत्रण जरूरी है. गडकरी ने कहा- ‘और इसलिए कांग्रेस पार्टी विपक्ष के रूप में मजबूत बननी चाहिए और विचारधारा के आधार पर उनको जिम्मेदार विपक्ष का काम करना चाहिए.’