जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना (उत्तर प्रदेश), 20 सितम्बर ::उत्तर प्रदेश के खलीलाबाद में क्षत्रिय महासभा राजपुत समाज अखंड भारत की ओर से विशाल क्षत्रिय समागम का आयोजन 19 सितम्बर (शनिवार) को किया गया। गैर राजनैतिक कार्यक्रम में क्षत्रियों के अतीत और वर्तमान पर विस्तार से परिचर्चा की गई। साथ ही, क्षत्रिय समाज की बेहतरी के लिए समाज के लोगों से सुझाव भी मांगे गए।क्षत्रिय महासभा राजपुत समाज अखंड भारत की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में देश भर से और समाज के अलग अलग संगठनों से लोग शामिल हुए। यहां संगठन हित से उपर उठ कर समाज हित की बात की गई।समागम को संबोधित करते हुए क्षत्रिय महासभा राजपुत समाज अखंड भारत संस्थापक और वरिष्ठ राष्ट्रीय महामंत्री जगदीश सिंह राघव ने कहा कि इतिहासकारों ने हमारे समाज के साथ अन्याय किया है। हमारे अदम्य पराक्रम और साहस को बामपंथी इतिहासकारों ने हाशिए पर रख दिया है और चोर, लूटेरे और अताताइयों का महिमामंडन किया है। उन्होंने कहा कि अब हम ऐसी उपेक्षा और लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेंगे।सूत्रों के अनुसार राघव ने यह भी कहा कि एकतरफा लिखने और पक्षपात करने वाले इतिहासकारों को अब एक्सपोज करने का समय आ गया है। क्षत्रिय समाज के इतिहास के पुनर्लेखन पर भी जोर दिया और इसे आवश्यक बताया। उन्होंने आजके आरक्षण व्यवस्था पर भी विरोध जताया।क्षत्रिय महासभा राजपुत समाज अखंड भारत की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष-सह-मीडिया प्रभारी अर्चना सिंह ने भी अपने संबोधन में कहा कि आज जो आरक्षण व्यवस्था है, वो पूर्णतया गलत है। आरक्षण व्यवस्था को ही समाप्त कर दिया जाना चाहिए या फिर इसके जातिगत आधार को बदल कर आर्थिक आधार कर दिया जाना चाहिए।समागम के मौके पर महर्षि गङ्गेय विश्वमित्र ने क्षत्रिय समाज के इतिहास की विस्तार से जानकारी दी।करनी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीर प्रताप ने भी अपने विचार रखे। जगत प्रताप सिंह अखिल भारतीय विकास समिति से, महिला प्रदेश अध्यक्ष बिहार डॉ किरण सिंह, मध्य प्रदेश अध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ रमा सिंह, जिला उपाध्यक्ष माधुरी राघव, राष्ट्रीय महासचिव बीरेंद्र सिंह, पवन कुमार सिंह, प्रदीप सिंह सिसोदिया राष्ट्रीय युवा अध्यक्ष सन्देश प्रताप सिंह, उत्तर प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राजपूत, उत्तर प्रदेश कार्यकारी युवा अध्यक्ष विधि ओम सिंह, जीतेन्द्र सिंह सहित क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेंद्र सिंह परमार ने भी इस क्षत्रिय समागम में अपने-अपने विचार रखे।समागम में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि भले ही अलग-अलग संगठन क्षत्रिय समाज के हित में अपने अपने तरीके से काम कर रहे हों लेकिन जरुरत पड़ने पर सभी संगठन एक साथ मिलकर भी सरकार के सामने अपनी बात रखेंगे।