सियाराम मिश्रा की रिपोर्ट बलिया से /भाजपा के दयाशंकर सिंह के सामने होंगे बलिया नगर सीट पर सपा से पूर्व मंत्री नारद राय. सपा ने बलिया नगर सीट पर नारद राय पर अपना दांव लगाया है। बलिया के नगर सीट पर 2002 में जीते थे। 2012 में भी वह सपा के टिकट पर चुनाव लड़े और विजयी रहे। सरकार में उन्हें मंत्री भी बनाया गया था। 2017 के चुनाव में पार्टी से अनबन होने के बाद वह बसपा में शामिल हो गए और बसपा से ही नगर के सीट पर चुनाव लड़े, हार का सामना करना पड़ा। विधान सभा चुनाव पूर्व वह पुन: बसपा छोड़ सपा में शामिल हो गए। श्री राय जनेश्वर मिश्र के समय से सपा में रहे हैं। अखिलेश सरकार में वह पहले खेल और खादी ग्रामोद्योग मंत्री रहे, लेकिन 2016 में जब अखिलेश यादव को प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाया गया था तब उसके बदले में अखिलेश ने शिवपाल समेत नारद राय को मंत्री पद से हटा दिया था। नारद के आने से बलिया नगर सीट की जंग भी रोचक हो चली है। इस सीट पर भाजपा ने दयाशंकर सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है।जिले के बांसडीह विधान सभा सीट भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी दल निषाद पार्टी से केतकी सिंह के आने से यहां की जंग एक बार फिर रोचक हो चली है। 2017 के विधान सभा चुनाव में भाजपा और सुभासपा गठबंधन में यह सीट सभासपा के खाते में चली गई थी, इससे नाराज भाजपा कार्यकर्ता केतकी के साथ लग गए थे। केतकी सिंह निर्दलीय चुनाव लड़ी थीं और सपा के रामगोविंद चौधरी को कांटे की टक्कर दीं। नेता प्रतिपक्ष मात्र 1687 मतों से जीत पाए थे। वह लंबे समय से राजनीति में संघर्ष कर रहीं हैं। आधी आबादी पर भी उनकी अच्छी पकड़ है। हालांकि इस बार की सियासी तस्वीर कुछ अलग है। सपा व सुभासपा में गठबंधन है।