नई दिल्ली, निखिल दुबे : हिंदी सिनेमा में इस वक्त ऐसी फिल्मों का दौर चल रहा है, जिनकी कहानियां और किरदार राजनीति और राजनेताओं से प्रेरित या प्रभावित हैं। ऐसी ही एक नई फिल्म का एलान शुक्रवार को हुआ। फिल्म का शीर्षक है- ‘मैं रहूं या ना रहूं, यह देश रहना चाहिए- अटल’। जैसा कि शीर्षक से जाहिर है, यह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की बयोपिक है और उनका किरदार जानदार अभिनेता पंकज त्रिपाठी निभाएंगे। फिल्म उत्कर्ष नैथानी ने लिखी है, जबकि इसका निर्देशन रवि जाधव कर रहे हैं, जो तीन बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीत चुके हैं। यह फिल्म अटल बिहारी वाजपेयी के निजी और राजनीतिक सफर को दिखाएगी। अटल जी भारतीय राजनीति के उन नायकों में शामिल हैं, जिन्होंने बड़े स्तर पर देश की सियासत को प्रभावित किया था।
"भारत जमीन का टुकड़ा नहीं, जीता जागता राष्ट्रपुरुष है।"
ये पंक्तिया लिखनेवाले महान नेता श्री.अटल बिहारी वाजपेयी जी कि भूमिका मुझे बड़े पर्देपर साकार करने का अवसर मिल रहा है, ये मैं अपना सौभाग्य मानता हूँ! #ATAL जल्द ही ।@meranamravi @vinodbhanu @thisissandeeps pic.twitter.com/xnl1sT0Ke9
— पंकज त्रिपाठी (@TripathiiPankaj) November 18, 2022
उनकी हाजिरजबावी और बोलने के अंदाज के दोस्त ही नहीं, बल्कि सियासी प्रतिद्वंद्वी भी कायल थे। कवि के रूप में भी उन्हें काफी शोहरत मिली। जनसंघ की स्थापना से लेकर भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता और प्रधानमंत्री बनने तक, अटल जी की यात्रा प्रेरक रही है। भारतीय राजनीति की इतनी बड़ी शख्सियत का किरदार निभाने का मौका मिलने पर पंकज त्रिपाठी खुद को खुशनसीब मानते हैं। पंकज ने कहा- ”पर्दे पर ऐसे राजनेता का किरदार निभाना सम्मान की बात है। वो सिर्फ राजनेता नहीं, बल्कि उससे कहीं ज्यादा थे। जबरदस्त लेखक और विख्यात कवि। उन्हें पर्दे पर पेश करना मेरी खुशनसीबी है।”