सोनपुर , २२ नवम्बर । कविता आत्मा के सौन्दर्य की श्रेष्ठतम अभिव्यक्ति है। इसमें वह शक्ति है कि जिससे दुनिया के विचार बदले जाते हैं। कविता दुखियों की आँखों के आँसू पोंछती है और मृतों में प्राण फूंकती है।यह बातें मंगलवार को सारण ज़िला हिन्दी साहित्य सम्मेलन के तत्वावधान में, सोनपुर मेला के पर्यटन विभाग के सभागार में आयोजित एक विराट कवि सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए, बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने कही । उन्होंने कहा कि इस मंच के कवि कविता का व्यापार नहीं करते, कविता जीते हैं और कविता पर मरते हैं।कवि सम्मेलन में कटिहार से आए शायर मो अजिकुर रहमान सारिम से लेकर पटना से आयीं कवयित्री रश्मि गुप्ता तक दो दर्जन से अधिक कवियों और कवयित्रियों ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को चार घंटे से अधिक समय तक बाँधे रखा।काव्य-पाठ करने वालों में वरिष्ठ कवि सियाराम सिंह, डा कुमार देवेन्द्र, ब्रह्मानन्द पाण्डेय, मोईन गिरीडीहवी, कवयित्री रेणु शर्मा, श्वेता ग़ज़ल, डा मीना कुमारी परिहार, डा प्रतिभा रानी, डा प्रतिभा पाराशर, मोहित कुमार सिंह, पूजा ऋतुराज, कुमार चंदन, प्रखर पूँज, शंकर शरण शिशिर, सुरेश कुमार चौबे, राकेश विद्यार्थी, हैप्पी श्रीवास्तव, डा ऑन प्रकाश राजापुरी, रूबी भूषण, रवीन्द्र नाथ सिंह रवि, सुधा पाण्डेय, मेदनी कुमार मेनन, अमरनाथ प्रसाद के नाम सम्मिलित हैं।कवि सम्मेलन की अध्यक्षता सारण ज़िला हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डा वृजनन्दन सिन्हा ने की । मंच का संचालन निखिल कुमार सिंह ने तथा धन्यवाद-ज्ञापन वैशाली ज़िला हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष शशि भूषण ने किया ।