कौशलेन्द्र पाराशर ; राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने शिक्षक बहाली पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल के बयान को बेशर्मी की प्राकाष्ठा बताते हुए कहा है कि शिक्षक बहाली और बेरोजगारी पर भाजपा के किसी नेता को बोलने का नैतिक अधिकार नहीं है।राजद प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा के गलत नीतियों के कारण हीं देश में बेरोजगारी आज सबसे गंभीर सवाल बन गया है। राज्य में लगभग पन्द्रह वर्षों तक भाजपा सरकार में शामिल रही है और वित्त विभाग भाजपा के जिम्मे रहा है फिर भी वर्षों से बिहार में शिक्षक बहाली नहीं हो रही थी तो इसके लिए केवल और केवल भाजपा जिम्मेवार है। एनडीए सरकार में शामिल रहने के बावजूद भाजपा द्वारा शिक्षक बहाली में केवल अवरोध पैदा किया जाता रहा। आज जब मा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के पहल पर महागठबंधन सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर बेरोजगार नौजवानों को नौकरी और रोजगार दिया जा रहा है। बड़े पैमाने पर शिक्षकों के रिक्त पदों पर शिक्षकों की बहाली होने जा रही है तो भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और सुशील मोदी जैसे नेता घड़ियाली आंसू बहाकर वाहवाही लूटना चाह रहे हैं।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि संजय जायसवाल जी और सुशील मोदी जी दोनों संसद सदस्य हैं, केन्द्र में उनके पार्टी की सरकार है और केन्द्र की सरकार बिहार के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। सर्व शिक्षा अभियान के तहत बिहार को जो केन्द्रांश की राशि मिलनी चाहिए, वह नहीं दिया जा रहा है। जायसवाल जी और मोदी जी में यदि थोड़ी भी नैतिकता है तो उन्हें केन्द्र सरकार पर दबाव बना कर शिक्षा मद में बिहार के हिस्से की राशि ससमय उपलब्ध कराना चाहिए।राजद प्रवक्ता ने कहा कि केन्द्र की सरकार केन्द्र के विभिन्न विभागों में एक करोड़ से ज्यादा रिक्तियां चुरा कर बैठी हुई है। और आज ओनलाइन नियुक्ति पत्र बांटने का नाटक किया गया है। यदि भाजपा में साहस है तो आज ओनलाइन बांटे गए नियुक्ति पत्र के बारे श्वेत पत्र जारी करे।राजद प्रवक्ता ने कहा कि बिहार की महागठबंधन सरकार ने आज केन्द्र सरकार के साथ हीं मजबूर कर दिया है कि अब उनके जुवान पर भी बेरोजगारी, बहाली, नियुक्ति पत्र और रोजगार जैसे शब्द आने लगे हैं। नौकरी के सम्बन्ध में “बिहार मॉडल ” अपनाने को बाध्य हो गए हैं क्योंकि इसके पहले इन्हें इन शब्दों से हीं चीढ रहा है।