मुख्य संपादक -जितेन्द्र कुमार सिन्हा, 01 फ़रवरी ::देश का आम बजट 2023-24 के लिए बुधवार को कैबिनेट की सहमति के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने देश के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर राष्ट्रपति की मंजूरी ली। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश का 75वां बजट संसद में पेश की।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा कि यह अमृत काल का पहला बजट है। उन्होंने एक घोषणा करते हुए कहा कि मुफ्त खाद्यान योजना को एक साल के लिए बढ़ा दिया गया है। अब लोगों को जनवरी 2024 तक मुफ्त खाद्यान्न योजना के तहत प्रति यूनिट 5 किलो अनाज मिलता रहेगा। अपने भाषण में उन्होंने कहा कि वर्तमान वर्ष के लिए हमारी अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7% रहने का अनुमान है, यह विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है। भारतीय अर्थव्यवस्था सही रास्ते पर है और उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ रही है।उन्होंने कहा कि पीएम (प्रधानमंत्री) गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 2 लाख करोड़ रुपये केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है। अंत्योदय योजना के तहत गरीबों के लिए मुफ्त खाद्यान्न की आपूर्ति को एक वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया है। कृषि से जुड़े स्टार्टअप को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके लिए युवा उद्यमियों द्वारा कृषि-स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए एग्रीकल्चर एक्सीलेटर फंड बनाया जाएगा। सीतारमण ने बजट की 7 प्राथमिकता बताते हुए कहा कि इनमें इंक्लूसिव डेवलपमेंट, समाज के अंतिम पायदान तक पहुँच, इंफ्रास्ट्रक्चर और निवेश, विकास पर जोर, ग्रीन ग्रोथ, यूथ पॉवर और फाइनेंसियल सेक्टर के रूप में ये 7 प्राथमिकताएं शामिल हैं।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि 2014 से सरकार के प्रयासों ने सभी नागरिकों के जीवन की बेहतर गुणवत्ता और गरिमापूर्ण जीवन सुनिश्चित किया है। प्रति व्यक्ति आय दोगुनी से अधिक बढ़कर 1.97 लाख रुपये हो गई है। इन 9 वर्षों में, भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में बढ़ी है।हमारा आर्थिक एजेंडा नागरिकों के लिए अवसरों को सुविधाजनक बनाने, विकास और रोजगार सृजन को तेज गति प्रदान करने और व्यापक आर्थिक स्थिरता को मजबूत करने पर केंद्रित है। पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर ध्यान देते हुए कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किया जाएगा। अगले 3 सालों में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए मदद की जाएगी। 10,000 बायो इनपुट रिसोर्स सेंटर खोले जाएंगे। पीएम प्रणाम योजना की शुरुआत होगी। यह योजना वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ावा देने के लिए होगी। इसके अलावा गोवर्धन स्कीम के तहत 500 नए संयंत्रों की स्थापना की जाएगी। पीएम विश्व कर्म कौशल सम्मान पैकेज की परिकल्पना पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के लिए की गई है, जो उन्हें एमएसएमई मूल्य श्रृंखला के साथ एकीकृत करते हुए अपने उत्पादों की गुणवत्ता, पैमाने और पहुंच में सुधार करने में सक्षम बनाएगा। बजट की 7 प्राथमिकताएं समावेशी विकास, अंतिम छोर तक पहुँचना, बुनियादी ढांचा और निवेश, क्षमता को उजागर करना, ग्रीन ग्रोथ, युवा शक्ति और वित्तीय क्षेत्र हैं। 2014 से स्थापित मौजूदा 157 मेडिकल कॉलेजों के साथ संस्थान में 157 नए नर्सिंग कॉलेज स्थापित किए जाएंगे। विशेष रूप से जनजातीय समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए PMPBTG विकास मिशन शुरू किया जाएगा, ताकि PBTG बस्तियों को मूलभूत सुविधाएं दी जा सके। अगले 3 साल में योजना को लागू करने के लिए 15,000 करोड़ उपलब्ध कराए जाएंगे।उन्होंने कहा कि बजट में रेलवे के लिए 2.40 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत परिव्यय का प्रावधान किया गया है। पूंजी निवेश परिव्यय 33% बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये किया जा रहा है, जो कि सकल घरेलू उत्पाद का 3.3% होगा। महामारी से प्रभावित MSME को राहत दी जाएगी। संविदागत विवादों के निपटान के लिए स्वैच्छिक समाधान योजना चलाई जाएगी। ऊर्जा सुरक्षा के क्षेत्र में 35 हजार करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा। नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में 20,700 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.O की शुरूआत की जाएगी। युवाओं को अंतर्राष्ट्रीय अवसरों के लिए कौशल प्रदान करने के लिए 30 स्किल इंडिया नेशनल सेक्टर खोले जाएंगे। 740 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों के लिए अगले 3 वर्षों में 38,000 शिक्षकों और सहायक कर्मचारियों की भर्ती की जाएगी।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि महिला सम्मान बचत पत्र योजना शुरू होगी। इसमें महिलाओं को 2 लाख की बचत पर 7.5% का ब्याज मिलेगा। वरिष्ठ नागरिक खाता स्कीम की सीमा 4.5 लाख से 9 लाख की जाएगी। 2022-2023 के लिए संशोधित राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 6.4% है। 2023- 2024 के लिए राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 5.9% रहने का अनुमान है। क्षेत्रीय हवाई संपर्क में सुधार के लिए 50 अतिरिक्त हवाई अड्डों, हेलीपॉड्स, वाटर एयरोड्रोम और उन्नत लैंडिंग ग्राउंड का पुनरुत्थान किया जाएगा।उन्होंने बताया कि सिगरेट पर आकस्मिकता शुल्क को 16 फीसदी बढ़ाया गया है। 3 करोड़ के टर्नओवर वाले माइक्रो उद्योग को कर में छूट दी जाएगी। अब पहचान पत्र के तौर पर PAN को मान्यता होगी। विशिष्ट सरकारी एजेंसियों की सभी डिजिटल प्रणालियों के लिए सामान्य पहचानकर्ता के लिए पैन का उपयोग किया जाएगा। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ाने के लिए सभी सरकारी एजेंसियों के व्यवसायों के लिए पैन का उपयोग सामान्य पहचानकर्ता के रूप में किया जाएगा। हमें अनिवासी व्यवसायों के लिए विकल्प देखने की जरूरत है क्योंकि उनके पास पैन नहीं होगा। उन्होंने कहा कि पूंजी निवेश परिव्यय 33% बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये किया जा रहा है, जो कि सकल घरेलू उत्पाद का 3.3% होगा. महामारी से प्रभावित MSME को राहत दी जाएगी। 5जी पर रिसर्च के लिए इंजीनियरिंग कॉलेजों में 100 लैब बनेंगी। AI के लिए सेंटर फॉर इंटेलिजेंस बनेगा। सीवर सफाई मशीन आधारित करेंगे, यानी अब नालों में घुसकर नाला सफाई करने की मजदूरों को जरूरत नहीं होगी। देश के नगर निगम अपना बॉन्ड ला सकेंगे। पीएम आवास योजना का फंड बढ़ाया जाएगा। केंद्र सरकार प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 लॉन्च करेगी। युवाओं को अंतरराष्ट्रीय अवसरों के लिए कुशल बनाने के लिए विभिन्न राज्यों में 30 स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर स्थापित किए जाएंगे।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि व्यक्तिगत आयकर की नई टैक्स दर 0 से 3 लाख रुपये तक शून्य, 3 से 6 लाख रुपये तक 5%, 6 से 9 लाख रुपये 10%, 9 से 12 लाख रुपये 15%, 12 से 15 लाख रुपये तक 20% और 15 लाख से ऊपर 30% रहेगी। टैक्सपेयर्स को 7 लाख रुपये के इनकम पर कोई टैक्स नहीं दे होगा।टैक्सपेयर्स के लिए बड़ी राहत का ऐलान करते हुए 5 लाख रुपये की सीमा को बढ़ाकर अब 7 लाख रुपये तक आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। नई टैक्स व्यवस्था के तहत टैक्स को लेकर नया स्लैब जारी किया गया है। अब टैक्सपेयर्स को 0 से तीन लाख तक के आय पर (0 फीसदी) टैक्स नहीं देना होगा। इसके साथ ही 3 से 6 लाख की कमाई पर 5 फीसदी टैक्स, 6 से 9 लाख की कमाई पर 10 फीसदी टैक्स, 9 से 12 लाख पर 15 फीसदी टैक्स और 15 लाख या उससे ज्यादा की कमाई पर 30 फीसदी टैक्स देना होगा।ध्यातव्य है कि इससे पहले इनकम टैक्स टैक्सपेयर्स को 2.5 लाख रुपये तक के आय पर कोई टैक्स नहीं देना होता है। 2.50 से 5 लाख रुपये तक के आय पर 5 फीसदी टैक्स लगता है, जिसमें 87ए के तहत रिबेट का प्रावधान है। 5 से 7.50 लाख रुपये के आय पर 10 फीसदी, 7.50 से 10 लाख तक के आय पर 15 फीसदी, 10 से 12.50 लाख रुपये के आय पर 20 फीसदी, 12.5 से 15 लाख तक के आय पर 25 फीसदी और 15 लाख रुपये से ज्यादा के आय पर 30 फीसदी टैक्स देना होता है।
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