पटना: महान साहित्यकार फणीश्वर नाथ रेणु जी की जयंती पर पिछड़ा-अतिपिछड़ा समाज के नेताओं द्वारा आज पटना स्थित जगजीवन राम संसदीय अध्यन एवं राजनीतिक शोध संस्थान में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता व अतिपिछड़ा समाज के नेता राजीव रंजन, पूर्व मंत्री व विधायक दामोदर राउत के पुत्र जितेंद्र कुमार धानुक समाज के अखिल भारतीय संघ के अध्यक्ष शंकर प्रसाद जी, डॉ धर्मेन्द्र पटेल, श्री गजेंद्र पटेल, श्री विजय कुमार राय, श्रीमती सीमा पटेल, श्री अशोक कुमार महतो, श्री शशिभूषण, श्री संट्टू पटेल समेत सैंकड़ो लोगों की उपस्थिति रही. इस अवसर पर अतिपिछड़ा नेता राजीव रंजन ने कहा बिहार के अररिया जिले में फॉरबिसगंज के पास और तब के पूर्णिया जिले के औराही हिंगना गाँव में में जन्म लेने वाले रेणु जी के बारे में जितना कहा जाए कम होगा. “आजादी के बाद के प्रेमचंद” कहे जाने वाले रेणु जी ने अपनी कहानियों और उपन्यासों में आंचलिक जीवन के हर धुन, हर गंध, हर लय, हर ताल, हर सुर, हर सुंदरता और हर कुरूपता को शब्दों में बांधने की सफल कोशिश की है. आजादी के बाद देश के साहित्यकारों ने विकास के लिये अपनी कलम तो उठाई लेकिन उनकी अधिकांश रचनाएँ सिर्फ शहर केंद्रित विकास तक ही सीमित रहीं. साहित्य में गाँवों-अंचलों के लिये रिक्त पड़े इस स्थान की पूर्ति करने वाले कोई थे तो वह फणीश्वरनाथ रेणु थे.उन्होंने कहा कि रेणु सिर्फ लेखक ही नहीं बल्कि क्रांतिकारी भी थे. आजादी से पहले कई आंदोलनों में उन्होंने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया. यहां तक कि भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लेने के लिए रेणु ने अपनी पढ़ाई को बीच में ही छोड़ दिया था। जय प्रकाश नारायण द्वारा चलाए जा रहे छात्र आंदोलन में भी उनकी खूब हिस्सेदारी रहती थी. छात्र आंदोलन के समर्थन में ही उन्होंने भारत सरकार द्वारा दिये गए पद्मश्री पुरस्कार को पापश्री पुरस्कार कहते हुए लौटा दिया था.उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से आज राजद-कांग्रेस देश में वहीं चीजें घटित करना चाहते हैं, जिसकी खिलाफ़त रेणु जी किया करते थे. चंद परिवार गांव, गरीब, मजदूर किसान को भुलावे में रख कर अपना उल्लू सीधा करना चाह रहे हैं. मैला आंचल के तहसीलदार की तरह ही आज राजद-कांग्रेस समाज के पिछड़े/अतिपिछड़े वर्ग को सपनों का झुनझुना थमा कर अपना उल्लू सीधा कर रहे है. नौकरियों के नाम पर राज्य के भोले-भाले लोगों की ज़मीन हड़पने के प्रयास किये जा रहे हैं. जदयू प्रवक्ता ने कहा कि गांधी का नारा लगाने वाले हों या इंकलाब का या सामाजिक न्याय का, जनता को लूटने के लिए सभी इकट्ठे हो गये हैं, दूसरी तरफ नमो-नीतीश की जोड़ी गरीबों, पिछड़े-अतिपिछड़ों के साथ इनके प्रतिकार में जुटी है. हम सभी को रेणु जी की ही तरह अपने अपने माध्यमों से राजद-कांग्रेस व उनके साथियों के इस घृणित खेल का भंडाफोड़ करने के प्रयास करने चाहिए.कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय धानुक महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष शंकर प्रसाद ने कहा कि रेणु जी न सिर्फ एक कुशल रचनाकार थे बल्कि वह एक युगबोधी और दूरदर्शी व्यक्ति भी थे. वो न केवल अतिपिछड़ा समाज के मार्गदर्शक थे बल्कि उनके विचारों के कारण समाज के हर वर्ग की उनके प्रति पूरी आस्था थी.