Kaushlendra Pandey /नालंदा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “मुझे तीसरे कार्यकाल के लिए शपथ ग्रहण करने के बाद पहले 10 दिनों में ही नालंदा आने का अवसर मिला है. यह मेरा सौभाग्य तो है ही, मैं इसे भारत की विकास यात्रा के एक शुभ संकेत के रूप में देखता हूं. नालंदा केवल एक नाम नहीं है. नालंदा एक पहचान है, एक सम्मान है. नालंदा एक मूल्य है, मंत्र है, गौरव है, गाथा है. नालंदा इस सत्य का उद्घोष है कि आग की लपटों में पुस्तकें भले जल जाएं लेकिन आग की लपटें ज्ञान को नहीं मिटा सकतीं.” नरेंद्र मोदी ने कहा – तीसरे कार्यकाल के शपथ लेने के कुछ ही दिनों बाद नालंदा आने का अवसर मिला, यह मेरा सौभाग्य है. यह स्वर्णिम युग की शुरुआत है. “हम सभी जानते हैं, कि नालंदा कभी भारत की परंपरा और पहचान का जीवंत केंद्र हुआ करता था. शिक्षा को लेकर यही भारत की सोच रही है. शिक्षा ही हमें गढ़ती है, विचार देती है और उसे आकार देती है. प्राचीन नालंदा में बच्चों का प्रवेश उनकी पहचान, उनकी राष्ट्रीयता को देख कर नहीं होता था. हर देश हर वर्ग के युवा यहां पर हैं. नालंदा विश्वविद्यालय के इस नए परिसर में हमें उसी प्राचीन व्यवस्था को फिर से आधुनिक रूप में मजबूती देनी है और मुझे ये देख कर खुशी है कि दुनिया के कई देशों से आज यहां कई विद्यार्थी आने लगे हैं.” अपने प्राचीन अवशेषों के समीप नालंदा का नवजागरण. ये नया कैंपस. विश्व को भारत के सामर्थ्य का परिचय देगा” नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. नालंदा बताएगा. जो राष्ट्र, मजबूत मानवीय मूल्यों पर खड़े होते हैं. वो राष्ट्र इतिहास को पुनर्जीवित करके बेहतर भविष्य की नींव रखना जानते हैं. नालंदा केवल भारत के ही अतीत का पुनर्जागरण नहीं है. इसमें विश्व के, एशिया के कितने ही देशों की विरासत जुड़ी हुई है. नालंदा यूनिवर्सिटी के पुनर्निर्माण में हमारे साथी देशों की भागीदारी भी रही है. मैं इस अवसर पर भारत के सभी मित्र देशों का अभिनंदन करता हूं. नालंदा विश्वविद्यालय कैंपस के लोकार्पण पर पीएम मोदी, 19 जून 2024. प्राचीन नालंदा में बच्चों का नामांकन उनकी पहचान, उनकी nationality को देखकर नहीं होता था. हर देश, हर वर्ग के युवा यहाँ आते थे. नालंदा विश्वविद्यालय के इस नए कैंपस में हमें उसी प्राचीन व्यवस्था को फिर से मजबूती देनी है. नालंदा विश्वविद्यालय कैंपस के लोकार्पण पर पीएम मोदी. दुनिया के कई देशों से यहां students आने लगे हैं. यहाँ नालंदा में 20 से ज्यादा देशों के students पढ़ाई कर रहे हैं. ये वसुधैव कुटुंबकम की भावना का कितना सुंदर प्रतीक है. 21 जून को International Yoga Day है. आज भारत में योग की सैकड़ों विधाएँ मौजूद हैं. हमारे ऋषियों ने कितना गहन शोध इसके लिए किया होगा! लेकिन, किसी ने योग पर एकाधिकार नहीं बनाया. आज पूरा विश्व योग को अपना रहा है, योग दिवस एक वैश्विक उत्सव बन गया है. भारत ने सदियों तक sustainability को एक model के रूप में जीकर दिखाया है. GLOBAL LAUNCH OF MISSION LIFE Lifestyle for Environment. हम प्रगति और पर्यावरण को एक साथ लेकर चले हैं. अपने उन्हीं अनुभवों के आधार पर भारत ने विश्व को Mission LiFE जैसा मानवीय vision दिया है. मेरा मिशन है कि भारत दुनिया के लिए शिक्षा और ज्ञान का केंद्र बनें. भारत की पहचान फिर से दुनिया के सबसे prominent knowledge centre के रूप में हो. हमारा प्रयास है. भारत में दुनिया का सबसे Comprehensive और Complete Skilling System हो. भारत में दुनिया का सबसे Advanced research oriented higher education system हो. आज पूरी दुनिया की दृष्टि भारत पर है. भारत के युवाओं पर है. दुनिया. बुद्ध के इस देश के साथ. Mother of Democracy के साथ. कंधे से कंधा मिलाकर चलना चाहती है. मुझे विश्वास है. हमारे युवा आने वाले समय में पूरे विश्व को नेतृत्व देंगे. मुझे विश्वास है. नालंदा global cause का एक महत्वपूर्ण सेंटर बनेगा ।