जीतन राम मांझी ऐलान हम 35 सीटों पर लड़ेंगे बिहार में चुनाव
हर बार चुनाव में हार मिलने के बावजूद भी जीतन राम मांझी पीछे नहीं हटे.इस बार उन्होंने ऐलान किया कि वह बुलंद हौसले से 35 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. जिसकी वजह से उन्होंने अभी से ही चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. मांझी ने लोकसभा चुनाव में पराजय की समीक्षा के लिए बुलाई गई बैठक में पार्टी के नेताओं और जिलाध्यक्षों के बीच यह संदेश देने की कोशिश की कि पराजय से किसी को निराश होने की जरूरत नहीं. अभी साल भर का वक्त है. पार्टी के नेता कार्यकर्ता अभी से विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट जाएं.
उन्होंने बैठक में एलान कर दिया है कि पार्टी बिहार के 35 विधानसभा क्षेत्र से अपने उम्मीदवार मैदान में उतारेगी. बताया जाता है कि पार्टी ने अगले महीने संसदीय दल की बैठक बुलाई है, जिसमें सीटों का अंतिम चयन करते हुए इस संबंध में महागठबंधन के सामने प्रस्ताव रखा जाएगा। मांझी 2015 में भी विधानसभा की 35 सीटों पर किस्मत आजमाना चाह रहे थे. लेकिन, 2015 में एनडीए की घटक रही मांझी की पार्टी हम को 21 सीटों पर चुनाव लडऩे का मौका मिला था.
21 सीटों पर लडऩे के बाद भी उनकी पार्टी सिर्फ एक विधानसभा सीट पर जीत हासिल कर सकी.खुद मांझी ने मखदुमपुर और इमामगंज से किस्मत आजमाई और मखदुमपुर सीट से पराजित रहे. इमामगंज से उन्होंने उदय नारायण चौधरी को शिकस्त दी थी. अब एक बार फिर देखना है मांझी अपने दांव में इस बार कहां तक सफल हो पाते हैं।
ब्यूरो – बिहार
हर बार चुनाव में हार मिलने के बावजूद भी जीतन राम मांझी पीछे नहीं हटे.इस बार उन्होंने ऐलान किया कि वह बुलंद हौसले से 35 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. जिसकी वजह से उन्होंने अभी से ही चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. मांझी ने लोकसभा चुनाव में पराजय की समीक्षा के लिए बुलाई गई बैठक में पार्टी के नेताओं और जिलाध्यक्षों के बीच यह संदेश देने की कोशिश की कि पराजय से किसी को निराश होने की जरूरत नहीं. अभी साल भर का वक्त है. पार्टी के नेता कार्यकर्ता अभी से विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट जाएं.
उन्होंने बैठक में एलान कर दिया है कि पार्टी बिहार के 35 विधानसभा क्षेत्र से अपने उम्मीदवार मैदान में उतारेगी. बताया जाता है कि पार्टी ने अगले महीने संसदीय दल की बैठक बुलाई है, जिसमें सीटों का अंतिम चयन करते हुए इस संबंध में महागठबंधन के सामने प्रस्ताव रखा जाएगा। मांझी 2015 में भी विधानसभा की 35 सीटों पर किस्मत आजमाना चाह रहे थे. लेकिन, 2015 में एनडीए की घटक रही मांझी की पार्टी हम को 21 सीटों पर चुनाव लडऩे का मौका मिला था.
21 सीटों पर लडऩे के बाद भी उनकी पार्टी सिर्फ एक विधानसभा सीट पर जीत हासिल कर सकी.खुद मांझी ने मखदुमपुर और इमामगंज से किस्मत आजमाई और मखदुमपुर सीट से पराजित रहे. इमामगंज से उन्होंने उदय नारायण चौधरी को शिकस्त दी थी. अब एक बार फिर देखना है मांझी अपने दांव में इस बार कहां तक सफल हो पाते हैं।
ब्यूरो – बिहार