Kaushlendra Pandey /पटना ब्यूरो 31 दिसम्बर, 2024
बिहार प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल के मुख्य प्रवक्ता श्री शक्ति सिंह यादव ने आज प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद, सारिका पासवान, मधु मंजरी, अरूण कुमार यादव, प्रमोद कुमार सिन्हा एवं आरजू खान के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि बीपीएससी अभ्यर्थियों के साथ जिस तरह से अन्यायपूर्ण व्यवहार और पुलिसिया दमन और अत्याचार की घटना हो रही है यह राष्ट्रीय स्तर पर चिंतन और चिंता का विषय बन गया है और इस मामले पर नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी प्रसाद यादव छात्रों को न्याय दिलाने के लिए उनके साथ मजबूती से खड़े हैं।श्री शक्ति सिंह यादव ने आगे कहा कि जब बीपीएससी अभ्यर्थी सत्याग्रह पर थे तो उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं था। उनकी एक सूत्री मांग है कि रि-एक्जामीनेशन लिया जाय लेकिन न तो बीपीएससी और न ही बिहार सरकार उनकी सुन रही है। जब इनलोगों ने नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी प्रसाद यादव जी से आग्रह किया कि आप हमारे साथ आये ंतो अभ्यर्थियों के चिंता और उनके मांगों के समर्थन में तेजस्वी जी कटिहार से चलकर कड़ाके की ठंड में रात्रि में ही गर्दनीबाग धरना स्थल पर आये और उन लोगों के साथ न्याय की मांग राज्य सरकार से की और इसके लिए मुख्यमंत्री जी को दो-दो बार पत्राचार भी किया लेकिन सरकार के स्तर से कोई संज्ञान नहीं लिया गया और न ही मुख्यमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष के पत्राचार का कोई जवाब दिया। यह लोकतंत्र के लिए कहीं से भी उचित नहीं है। इस मुद्दे को तेजस्वी जी ने जनमानस का मुद्दा बनाने का और छात्रों के हित में जो आवाजें बुलंद की उसका असर दिल्ली तक सुनाई दे रहा है परन्तु इस मामले पर मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी पूरी तरह से अचेत अवस्था में हैं।
इन्होंने आगे कहा कि बेबी प्रोजेक्ट और सत्ता शिखंडी ने मामले को भटकाने के लिए सत्ता प्रतिष्ठान के इशारे पर आन्दोलनकारियों को गर्दनीबाग से गांधी मैदान लाकर उन्हें पिटवाने का काम किया और आन्दोलन को राजनीति का शिकार बनाने का प्रयास किया। लेकिन बीपीएससी के अभ्यर्थियों ने ऐसे लोगों को पहचान लिया जो न तो छात्रों के हितों का ख्याल रखते हैं और न ही उनके साथ न्याय हो इसके प्रति चिंता रखते हैं। उन्हें तो सिर्फ छात्रों के नाम पर अपने चेहरे को चमकाना और सत्ता प्रतिष्ठान को खुश करने का है जिस कारण इस तरह की स्थिति और परिस्थिति पैदा हुई।
इन्होंने आगे कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि हम अभ्यर्थियों के साथ उनको न्याय दिलाने के लिए नैतिक समर्थन के साथ-साथ उनके मांगों को जब तक पूरा नहीं किया जाता है तब तक खड़े रहेंगे। छात्रों ने तथ्य और तार्किक बातों से सरकार को अवगत कराया है लेकिन सरकार की ओर से सुनी नहीं जा रही है। जब बीपीएससी यह मानती है कि एक परीक्षा केन्द्र पर गड़बड़ी हुई है तो छात्रों के उन मांगों को क्यों नहीं मान रही है जो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि इस मामले में जांच होनी चाहिए और सभी परीक्षा को रद्द करके रि-एक्जामीनेशन हो। अफसोस की बात है कि बिहार में ऐसा लगता है कि सरकार नाम की कोई चीज नहीं है। मुख्यमंत्री न तो सदन में, न ही सड़क पर और न ही मीडिया के सामने कुछ बातें रखत पाते हैं। आखिर कब तक इस तरह के अन्याय का दंश बिहार के लोग झेलते रहेंगे। नीतीश जी के संबंध में भाजपा ने क्या-क्या कहा था ये बताने की आवश्यकता नहीं है। जीतनराम मांझी जी को बताना चाहिए कि कौन लोग हैं जिनके संबंध में आपने कहा था कि नीतीश जी को दवा खिलाया जा रहा है। बीपीएससी के मुद्दे पर एनडीए के घटक दल चुप्पी साध लिये हैं।इन्होंने यह भी कहा कि बेबी प्रोडक्ट और बजारू शिखंडी आन्दोलन को छिन्न-भिन्न करने का लगातार कोशिश कर रहे हैं लेकिन अभ्यर्थी उनकी नीति और साजिश को समझ गये हैं। तेजस्वी जी चाहते हैं कि अभ्यर्थियों के साथ न्याय हो और इसके लिए वो मुख्यमंत्री जी से भी मिलकर बीपीएससी के अभ्यर्थियों के समस्याओं को रखना चाहते हैं। राष्ट्रीय जनता दल जब तक बीपीएससी के अभ्यर्थियों को न्याय नहीं मिल जाता है तबतक चुप नहीं बैठेगा और इसके लिए हर स्तर पर अपना समर्थन छात्रों के आन्दोलन को नैतिक रूप से जारी रखेगा क्योंकि तेजस्वी जी के लिए नौजवानों का भविष्य बेहतर हो और उनकी नौकरी में कोई रूकावट नहीं हो ये उनकी चिंता है.