बिहार में दिमागी बुखार का कहर अभी तक जारी है। इस बीमारी से अब छह और बच्चों की मौत हो गई है। दो जुलाई को गया के अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज में 22 बच्चों को भर्ती कराया गया था। जिनमें से छह बच्चों की मौत हो चुकी है।
चिकित्सा अधीक्षक डॉ. वी के प्रसाद ने कहा, यह बताया जा रहा है कि यह एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस)) का मामला हो सकता है लेकिन अभी इसकी पुष्टि नहीं की जा सकी है, रिपोर्ट की प्रतीक्षा है। रिपोर्ट आने के बाद इसका पता चलेगा।
चिकित्सा अधीक्षक डॉ वीके प्रसाद ने आगे कहा कहा कि दो जुलाई को 22 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मरीजों का इलाज किया जा रहा है। बता दें कि इस बीमारी से मुजफ्फरपुर में मरने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर 140 हो गई है।
इनमें से 119 की मौत श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच) और 21 मौत केजरीवाल अस्पताल में हुई हैं। इस बीमारी को बिहार में दिमागी बुखार और चमकी बुखार भी कहा जाता है।
बिहार सरकार और केंद्रीय एजेंसियों की टीमें बच्चों की मौत के असल कारणों का पता लगाने की कोशिश कर रही हैं। लेकिन इसकी असल वजह का पता नहीं चल पा रहा है।