गृह विभाग ने राज्य के आठ जिलों में सूखे की आशंका व्यक्त की है। साथ ही इन जिलों के उपायुक्तों और कृषि विभाग को सतर्क किया है। गृह विभाग ने कहा है कि इन क्षेत्रों में औसत से कम बारिश हुई है। इससे खरीफ की खेती में असर पड़ा है।
जुलाई की शुरुआत से ही बारिश का प्रतिशत काफी कम रहा है। विभाग इन आठ जिलों को फेज वन (ट्रिगर वन) में डालने की तैयारी कर रहा है। इस दौरान इन जिलों खरीफ फसल पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। जिन जिलों को फेज वन में डालने की तैयारी है, उनमें रामगढ़, गुमला, पाकुड़, खूंटी, रांची, जामताड़ा, सरायकेला व गोड्डा शामिल हैं।
गृह विभाग की रिपोर्ट पर कृषि विभाग के एक वरीय अधिकारी ने बताया कि अगर बारिश की स्थिति में सुधार नहीं होता है, तो इन क्षेत्रों का स्थल निरीक्षण कर दूसरे फेज में डाला जा सकता है। इसके बाद विभाग सूखे को लेकर अपनी अंतिम रिपोर्ट बनाएगा।
पिछले वर्ष 18 जिलों के 129 प्रखंडो में पड़ा था सूखा :
पिछले वर्ष 18 जिलों के 129 प्रखंडो में सुखाड़ पड़ा था। इन जिलों में पलामू, जामताड़ा, पाकुड़, धनबाद, गोड्डा, बोकारो, कोडरमा, खूंटी, रामगढ़, गढ़वा, लातेहार, देवघर, गिरिडीह, रांची, लोहरदगा, साहिबगंज, चतरा और दुमका शामिल था। इन जिलों के लिए 348 करोड़ रुपए मुआवजा के लिए जारी भी कर दिया गया है, लेकिन अभी तक 11 लाख प्रभावित किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पाया है। पिछले वर्ष 18 जिलों में सूखा पड़ा था।
आठ प्रभावित जिले हैं.
रामगढ़, गुमला, पाकुड़, खूंटी, रांची, जामताड़ा, सरायकेला व गोड्डा शामिल हंै।.
खूंटी और गोड्डा जिलों की सबसे बुरी स्थिति
रिपोर्ट के अनुसार खूंटी व गोड्डा जिलों में खरीफ की खेती सबसे ज्यादा प्रभावित हो रही है। गृह विभाग के संयुक्त सचिव मनीष तिवारी बताते हैं कि संबंधित पदाधिकारियों को अलर्ट रहने को कहा गया है। सूखे के लिए जो भी प्लान है, उसे जमीनी स्तर पर उतारने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि जून के अंतिम सप्ताह में जो रिपोर्ट भेजी गई है, उसमें बारिश 40 प्रतिशत से भी कम होने का जिक्र है। लेकिन अभी पिछले कुछ दिनों में बारिश हुई है, जिससे बारिश का कुछ प्रतिशत जरूर बढ़ा है। .