मुंबई,
महाराष्ट्र के चुनाव नतीजे आने के बाद से अब तक 5 दिन बीत चुके हैं, लेकिन सरकार गठन को लेकर अब तक तस्वीर साफ नहीं हो सकी है। चुनाव से पहले गठबंधन में लड़े बीजेपी और शिवसेना नतीजों के बाद सीएम पद को लेकर रस्साकशी में जुटे हैं। इस बीच ढाई-ढाई साल के सीएम के लिए अड़ी शिवसेना ने अपने तेवर और कड़े कर लिए हैं। शिवसेना के सीनियर लीडर संजय राउत ने बीजेपी पर तीखा तंज करते हुए कहा, ‘यहां कोई दुष्यंत नहीं है, जिसके पिता जेल में हैं। यहां हम हैं जो धर्म और सत्य की राजनीति करते हैं।’
यही नहीं एनसीपी के बीजेपी संग जाने के समीकरणों को लेकर राउत ने कहा कि शरद पवार वह नेता हैं, जिन्होंने कांग्रेस और बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाया। वह कभी बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे। एक तरफ राउत ने बीजेपी पर वार किया तो दूसरी यह भी कहा कि शिवसेना विकल्पों पर फिलहाल विचार नहीं कर रही है। उन्होंने कहा, ‘उद्धव ठाकरे ने कहा है कि हमारे पास अन्य विकल्प भी हैं, लेकिन हम उन पर काम करने का पाप नहीं कर सकते। शिवसेना ने हमेशा सत्य की राजनीति की है। हम सत्ता के भूखे नहीं हैं।’
शिवसेना न मानी तो यूं सरकार गठन करेंगे फडणवीस
इस बीच खबरें हैं कि शिवसेना के सख्त तेवरों को देखते हुए बीजेपी विकल्पों पर विचार करने लगी है। बुधवार को बीजेपी चीफ अमित शाह के मुंबई दौरे की संभावना है। कहा जा रहा है कि वह शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे से मुलाकात कर डील फाइनल कर सकते हैं। बीजेपी सूत्रों का कहना है कि यदि अमित शाह के साथ उद्धव की मीटिंग में बात नहीं बनती है तो फिर विधायकों की बैठक के बाद फडणवीस राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिल सरकार गठन का दावा कर सकते हैं। यह सरकार 2014 की तर्ज पर अल्पमत की ही सरकार होगी, जिसके गठन के बाद सदन में बहुमत परीक्षण किया जाएगा।
शिवसेना के सूत्रों ने कहा कि यदि बीजेपी उनकी मांगों पर राजी नहीं होती है तो फिर वह फडणवीस सरकार के शपथ ग्रहण समारोह से दूर रहेगी। बता दें कि 2014 में शिवसेना और बीजेपी ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था। तब बीजेपी को 122 और शिवसेना को 63 सीटें मिली थीं। शिवसेना के साथ समझौता न होने पर देवेंद्र फडणवीस ने अल्पमत सरकार का गठन किया था, जिसे एनसीपी ने बाहर से समर्थन का ऐलान कर दिया था। हालांकि बाद में शिवसेना ने सरकार में शामिल होने का फैसला किया था।
कौशलेन्द्र