पटना ,
“जो ख़ुद के लिए जिए, वह इंसान क्या जिया/ जो देश पर मिटे उसे सौ–सौ सलाम कहना— देश के सपूतों तुम्हारा व्यर्थ न जाएगा बलिदान—”। इस तरह की पंक्तियों से,बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन स्वतंत्रता–दिवस के दिन घंटों गुंजाएमान होता रहा। कवियों और कवयित्रियों की ओजपूर्ण वाणी श्रोताओं को राष्ट्र–प्रेम में घंटों डूबोती रही। अवसर था स्वतंत्रता दिवस समारोह में देश–भक्ति गीत–गोष्ठी का।
ओज के कवि आचार्य आनंद किशोर शास्त्री ने शहीदों को नमन करते हुए कहा कि, “तेरे बल पर, यह सोने की चिड़ियाँ हँसती गाती है/भारत माता वीर प्रसूता तुझ से हीं कह लाती है।“पं गणेश झा ने कहा – “देश ने ख़ुशियाँ ज़ाहिर कर दी शोषित वर्ग के पीड़ में/ अब विकास के पंख लगेंगे जम्मू और कश्मीर में। कवि राज कुमार प्रेमी ने इन पंक्तियों से वीरों को नमन किया कि “जब तक भू पर जन विचरेगा, होगा तेरा नाम/ शहीदों ले लो मेरा सलाम” । डा शंकर प्रसाद ने सस्वर अपनी ग़ज़ल पढ़ी और कहा – “सोजे–वतन में जां को लुटाते चले गए/हम हर क़दम पर सिर को झुकाते चले गए“।
अपने अध्यक्षी काव्य पाठ में सम्मेलन अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने ग़ज़ल को स्वर देते हुए कहा कि, “जो ख़ुद के लिए जिए,वह इंसान क्या जिया?जो देश पर मिटे उसे सौ–सौ सलाम कहना/ऐ दिल तू उनसे जाकर मेरा सलाम कहना/ उनको हीं पेशे ख़दमत है मेरा कलाम कहना।” कवि योगेन्द्र प्रसाद मिश्र का कहना था कि, “देश के सपूतों तुम्हारा व्यर्थ न जाएगा बलिदान/तेरे ख़ून से सींची ज़मीन पर लगेंगे देश प्रेम के वृहद बग़ान“।
कवि सुनील कुमार दूबे, डा पल्लवी विश्वास, ओम् प्रकाश पाण्डेय ‘प्रकाश‘,डा सुलोचना कुमारी,चंदा मिश्र, डा पंकज प्रियम, डा आर प्रवेश, डा विनय कुमार विष्णुपुरी, राज किशोर झा, अजय कुमार सिंह, मृत्युंजय कुमार चौबे तथा कुमारी मेनका ने भी देश–भक्ति गीतों से शहीदों को नमन किया।
आरंभ में सम्मेलन अध्यक्ष डा अनिल सुलभ द्वारा, सम्मेलन–परिसर में राष्ट्रीय–ध्वज फहराया। उन्होंने इस अवसर पर महात्मा गांधी समेत सभी अमर बलिदानियों के साथ, बंकिम चंद्र चटर्जी, बिस्मिल,प्रदीप, नेपाली,मैथिली शरण गुप्त,माखनलाल चतुर्वेदी आदि उन साहित्यकारों को भी नमन किया, जिन्होंने अपनी प्रदीप्त पंक्तियों से देश को जगाया और उनमें राष्ट्र–प्रेम भरा और बलिदान के बीज बोए ।
इस अवसर पर सम्मेलन के प्रधानमंत्री डा शिववंश पाण्डेय, कृष्ण रंजन सिंह, संजीव कुमार, राजीव रंजन,हरेंद्र चतुर्वेदी,बाँके बिहारी साव,निशिकांत मिश्र आदि बड़ी संख्या में प्रबुद्धजन उपस्थित थे।
रंजय कुमार ,पटना