रेड लाइन की मेट्रो में सवार यात्री रविवार को उस वक्त दहशत में आ गए, जब सीलमपुर स्टेशन पर पहुंचते वक्त अचानक उन्हें ट्रेन में तेज धमाके की आवाज सुनाई दी। चंद सेकंड्स के बाद जब ट्रेन प्लैटफार्म पर पहुंचकर रुकी, तब एक और धमाका हुआ। घबराए यात्री ट्रेन से बाहर निकल आए। ट्रेन ऑपरेटर और उसके साथ मौजूद एक अन्य स्टाफ भी अपने केबिन से बाहर निकलकर चेक करने लगे कि आखिर हुआ क्या।
हालांकि इस दौरान कोच के अंदर या बाहर की तरफ कहीं से कोई धुआं निकलता तो नजर नहीं आया, लेकिन एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि ट्रेन के कोच पर पावर सप्लाई के लिए लगे सभी पेंटोग्राफ जरूर नीचे हो गए थे। करीब 10-15 मिनट तक ट्रेन स्टेशन पर ही रुकी रही। इस दौरान मेट्रो के स्टाफ ने उसकी जांच की और क्लियरेंस मिलने के बाद ट्रेन को स्टेशन से रवाना किया गया। डीएमआरसी के प्रवक्ता का कहना है कि जब ट्रेन सीलमपुर स्टेशन पहुंच रही थी तब उसे पेंटोग्राफ में हल्की स्पार्किंग हुई थी।
तार में पतंग का मांझे फंसा होने की वजह से यह घटना होने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि ट्रेन को सर्विस से हटाने की जरूरत नहीं पड़ी। वहीं इस घटना से एक बार फिर मेट्रो के मेंटेनेंस पर सवालिया निशान जरूर लग गया। चश्मदीदों के मुताबिक, घटना रविवार दोपहर 4:35 बजे की है। मेट्रो की रेड लाइन पर एक ट्रेन दिलशाद गार्डन से रिठाला की तरफ जा रही थी। उसी दौरान जब ट्रेन सीलमपुर स्टेशन के नजदीक पहुंची, तो यात्रियों को एक तेज धमाके की आवाज सुनाई दी और ट्रेन में हल्का सा झटका भी लगा।
ट्रेन के अंदर की लाइट्स और एसी बंद हो गया। जिससे लोगों को काफी परेशानी भी हुई। फिर जब ट्रेन स्टेशन पर पहुंच गई और उसके दरवाजे खुल गए, तब एक धमाका और सुनाई दिया, जिसके बाद घबराए यात्रियों ने ट्रेन खाली कर दी। कुछ लोग ट्रेन ऑपरेटर के पास पहुंचे और उन्हें इस बारे में बताया, जिसके बाद ऑपरेटर और उसके साथ बैठे मेट्रो के एक और कर्मचारी ने बाहर निकल कर चेक किया कि धमाकों की आवाज किस वजह से आई। एहतियातन ट्रेन में पावर सप्लाई भी कुछ देर के लिए रोक दी गई।
कौशलेन्द्र