कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुई हिंसा की निंदा की है। जेएनयू हिंसा पर उन्होंने कहा कि भारत के छात्रों और युवाओं की आवाज दबाने की लगातार कोशिश की जा रही है। रविवार को जेएनयू में छात्रों और शिक्षकों पर हमला किया गया। इसे सरकार के द्वारा लोगों की असहमति की आवाज़ को दबाने के लिए याद किया जाएगा।साथ ही सोनिया गांधी ने कहा कि मोदी सरकार के संरक्षण में देश के युवाओं की आवाज को दबाकर गुंडों द्वारा हिंसा को बढ़ावा दिया जा रहा है। यह अत्यंत ही निराशाजनक और अस्वीकार्य है।इससे पहले जेएनयू के कुलपति एम जगदीश कुमार ने छात्रों से शांति कायम रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय सभी छात्रों द्वारा अकादमिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने की सुविधा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि छात्रों का शीतकालीन सत्र का पंजीकरण बिना किसी बाधा के संपन्न होगा। उन्होंने आगे कहा कि छात्रों को किसी तरह की प्रक्रिया से डरने की जरूरत नहीं है। यूनिवर्सिटी की प्रथम प्राथमिकता हमारे छात्रों के एकेडमिक हितों की रक्षा करना है।वहीं, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने जेएनयू हिंसा पर कहा कि मामले की जांच शुरू हो गई है, इसलिए फिलहाल इस पर कुछ भी बोलना सही नहीं होगा। मगर यह जरूर कहूंगी कि विश्वविद्यालय को राजनीति का अड्डा नहीं बनना चाहिए। न ही छात्रों को राजनीतिक मोहरे के रूप में इस्तेमाल किया जाना चाहिए।