विवेक सिंह
भरतपुर, 24 जनवरी। जिला कलक्टर नथमल डिडेल ने कहा कि लिंगानुपात को बढाने के लिए सरकार द्वारा पीएनसीडीटी अधिनियम के तहत प्रभावी कार्यवाही कर बालिकाओं की जन्म से पूर्व मृत्यु को रोकने का बेहतर प्रयास किया।
जिला कलक्टर डिडेल शुक्रवार को राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर जिला प्रशासन, महिला एवं बाल विकास विभाग एवं महिला अधिकारिता विभाग द्वारा नगर विकास न्यास के आॅडीटोरियम में आयोजित जिला स्तरीय बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बालिकाओं के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में विशेष योजनाऐं चलाई जा रही है। हमारा यह दायित्व है कि इन योजनाओं से हम शत-प्रतिशत बालिकाओं को लाभान्वित करायें। उन्होंने कहा कि समाज बालिकाओं को बोझ न समझकर राज्य सरकार द्वारा इनके उत्थान के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं को प्रभावी रूप से क्रियान्वयन के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं ग्रासरूट के कार्मिकों की अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा घंूघट प्रथा को हटाने के लिए विभिन्न स्तरों पर किए जा रहे प्रयासों को प्रभावी तौर से लागू करने के लिए जनसहभागिता की आवश्यकता है। इस कुप्रथा को दूर करने के लिए महिला एवं पुरूषों को समन्वित प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में बालिकाऐं भी समाज के सभी क्षेत्रों में पुरूषों से आगे बढकर अपना वर्चस्व कायम किया है। और वे अपने परिवार व देश का नाम रोशन कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्स सरकार द्वारा लिंगानुपात में बढ़ोतरी करने के प्रयासों से समाज में महिला एवं पुरूषों का अनुपात में समानता आयेगी और आपसी समरसता भी बढे़गी।
समारोह में महिला एवं बाल विकास विभाग के उपनिदेशक मोनिका बलारा ने कहा कि महिलाओं के लिए संचालित विभागीय योजनाओं से अधिक से अधिक लाभन्वित कराने के लिए आगंनबाडी केन्द्रों को और अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए प्रभावी परिवेक्षण की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि 2022 तक बच्चे कुपोषण मुक्त हों तथा कुपोषण को शून्य स्तर पर लाया जा सकें। उन्होंने कहा कि बालिकाओं के सर्वांगीण विकास में आमजन की अहम भूमिका है। तथा उज्जवल भारत के सपने को पूरा करने के लिए महिला एवं पुरूष दोनों की समान भागीदारी करना आवश्यक है। उन्होंने पोषण मिशन के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि मिशन के तहत गर्भस्थ शिशु से लेकर एक हजार दिवस (03 वर्ष) तक के बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए राज्य सरकार द्वारा पोषणयुक्त भोजन आगंनबाडी केन्द्रों द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा है। जिससे भावी पीढ़ी को स्वस्थ बनाये रखा जा सके।
समारोह में 21 बेटियों को गोद में लिए माताओं द्वारा केक काटकर सामूहिक रूप से जन्मदिन मनाया तथा अतिथि द्वारा बेटियों को खिलौनों का किट,माँ के साड़ी एवं बधाई पत्र देकर सम्मानित किया तथा विभिन्न क्षेत्रों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली 14 बालिकाओं को प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया साथ ही अतिथियों द्वारा घूंघट मुक्त भरतपुर का हस्ताक्षर अभियान का शुभारम्भ किया गया। विभागीय विशेषज्ञों द्वारा विभागीय योजनाओं की जानकारी दी गई एवं निशुल्क चिकित्सा जाॅच भी की गई। समारोह का संचालन कुम्हेर के सीडीपीओ महिन्द्र अवस्थी ने किया।
इस अवसर पर नगर विकास न्यास के सचिव उम्मेदीलाल मीना, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पुष्कर राज शर्मा, महिला अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक अमित गुप्ता, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक पूरन सिंह सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, कार्मिक, महिलाऐं एवं बालिकाऐं उपस्थित रहे।