प्रिया सिन्हा,
बिहार के पोल्ट्री व्यवसाय पर कोरोना वायरस के प्रकोप का गंभीर असर पड़ा है। पूरे राज्य में पोल्ट्री व्यवसाय पूरी तरह से बर्बाद होता नज़र आ रहा है। स्थिति यहां तक आ गई है कि खुदरा बाजार में 150 से 160 रुपए प्रति किलोग्राम बिकने वाला चिकेन फिलहाल 50 से 60 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से बिक रहा है।
इस व्यवसाय से जुड़े लोगों का कहना है कि कोरोना का चिकेन से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन अफवाह के कारण यह व्यवसाय पूरी तरह से बर्बाद हो गया है। व्यवसाय से जुड़े लोगों का कहना है कि, ‘करोना के कारण लोगों में सोशल मीडिया के माध्यम से ऐसी अफवाह फैलाई गई कि मुर्गा या अंडा खाने पर करोना के वायरस से लोग ग्रस्त हो जाएंगे, जिसके कारण लोग मुर्गा और अंडा खाने से परहेज कर रहे हैं।’
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बिहार में ही हजारों करोड़ रुपए का नुकसान हो गया है। और तो और कर्ज लेकर व्यवसाय कर रहे लोगों की हालत यह है कि आने वाले दिनों में उनके कर्ज लौटाने का भी भय सता रहा है।
वहीं, पश्चिमी चंपारण के हरनाटांड़ स्थित चम्पारण एग्रो फर्म के संचालक रविशंकर नाथ तिवारी का कहना है कि ब्रीडिग फार्मिंग में काफी बड़े पैमाने में चूजा तैयार किया जाता है, लेकिन इस बार कोरोना के अफवाह ने सारा धंधा ही चौपट कर डाला है। तिवारी की मानें तो एक चूजा तैयार करने में करीब 24 रुपये का खर्च आता है, लेकिन इस बार मुर्गे की बिक्री नहीं होने से एक लाख से ज्यादा चूजे को जमीन में ही दफना दिया गया है।