सर्वविदित है कि फ़रवरी माह में ओलावृष्टि से किसानों की फ़सल बर्बाद हो गयी है। और अब कोरोना महामारी के कारण ग़रीब, किसान, मज़दूर और छोटे व्यापारी वर्गों को खाने के लाले पड़ रहे है। बिहार के लाखों ऐसे किसान है जिन्होंने बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए उनका नामांकन निजी स्कूलों में करा रखा है l कोरोना महामारी के कारण निम्न आयवर्गीय लोगों की आर्थिक स्थिति बहुत दयनीय हो गयी है l बिहार सरकार से आग्रह है कि किसानों के बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए तीन माह का फ़ीस माफ़ करे और जो छात्र और परीक्षार्थी छात्रावासों में रह रहे है उनको विशेष आर्थिक सहायता प्रदान की जाए।
मेरा सभी मकान मालिकों और कोचिंग संस्थानों से भी विनम्र आग्रह है कि लॉकडाउन और कोरोना को देखते हुए कुछ महीने के लिए विद्यार्थियों के किराए और फ़ीस में रियायतें दी जाए।
शैलेश तिवारी, पोलिटिकल एडिटर