प्रियंका वाड्रा ने योगी सरकार को बसों की जो सूची सौंपी, उसमें स्कूटर और तिपहिये के नंबर भी थे। कुछ ‘श्रद्धालु ‘ ऐसा बता रहे हैं। डीटीओ से इन नंबरों का मिलान कराया गया होगा, तभी तो आप बोल रहे हैं?? कुछ बसें तो राजस्थान की भी थीं। फिर क्या किया होगा?? मज़दूरों को ढोने वाले आम वाहनों के साथ भी यही प्रक्रिया अपनाई जा रही है?? मज़दूरों की पीड़ा से मज़ाक करने वाले याद रखना कि कई देशों में इसी वर्ग ने सरकारों की चूलें हिला दी हैं। 1871 के पेरिस कम्यून से तो सबक लो।।। आज ये मजबूर हैं। कल तुम्हारा भविष्य फल यही बताएंगे।