प्रिया की रिपोर्ट ; जातीय जनगणना पर हाईकोर्ट के आदेश पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी द्वारा दिए गए बयान पर तिखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा है कि किसी भी बात पर झूठ बोलना सम्राट चौधरी जी की मजबूरी है। क्यों कि जिस पार्टी में वे हैं वहां योग्यता की परख झूठ बोलने के आधार पर हीं किया जाता है। यैसे जातीय जनगणना और आरक्षण जैसे मुद्दों पर राजद को किसी के सार्टिफिकेट की जरूरत नहीं है।जातीय जनगणना पर भाजपा का दोहरा चरित्र सर्वविदित है। हाईकोर्ट के आदेश पर एक ओर भाजपा जहां खुशी मना रही है वहीं दूसरी ओर घड़ियाली आंसू भी बहा रही है। यदि उसकी नियत साफ है तो राष्ट्रीय स्तर पर वह जातीय जनगणना क्यों नहीं करवा रही है।राजद प्रवक्ता ने कहा कि सम्राट चौधरी जी को नहीं भूलना चाहिए कि यूपीए सरकार के समय 2009 में हीं राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद जी द्वारा संसद में जातीय जनगणना की मांग उठाई गई थी और तत्कालीन यूपीए सरकार द्वारा 2011 के जनगणना में जातीय और आर्थिक गणना भी हुई थी। जिसका अन्तिम रिपोर्ट 2015 में आया जब केन्द्र में एनडीए की सरकार बन गई थी। एनडीए की सरकार द्वारा जातीय गणना के प्रकाशन पर रोक लगा दिया गया। जिसके विरोध में लालू जी और तेजस्वी जी के नेतृत्व में राजद द्वारा राज्यव्यापी आन्दोलन किया गया था। उस समय केन्द्र की एनडीए सरकार में गृह मंत्री राजनाथ सिंह जी ने संसद में घोषणा की थी कि 2021 में होने वाली जनगणना में जातीय जनगणना कराई जाएगी। 2023 आ गया पर केन्द्र की सरकार द्वारा कोई अभी तक कोई पहल नहीं किए जाने पर बाध्य होकर राज्य सरकार द्वारा अपने संसाधन से जातीय जनगणना कराने का निर्णय लिया गया जिसका एक चरण पुरा भी हो चुका है और दूसरे चरण में भी काफी काम हो चुका है।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि हाईकोर्ट में जो रिट दायर किया गया है उसमें यही कहा गया है कि जनगणना कराने का अधिकार केन्द्र सरकार को है राज्य सरकार को नहीं। भाजपा की नियत यदि साफ है तो वह क्यों नहीं राष्ट्रीय स्तर पर जातीय जनगणना करवा रही है। राजद प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी जी एवं अन्य भाजपा नेताओं के बयान से जातीय जनगणना पर भाजपा का दोहरा चरित्र सर्वविदित हो चुका है।