कौशलेन्द्र पाराशर की रिपोर्ट /बिहार रेजिमेंटल सेंटर दानापुर में कल 10 तारीख से लेकर 13 तारीख तक 29 वे बेनियल एवं 14 में रियूनियन समारोह का आयोजन किया जा रहा है ।इस अवसर पर अब तक के शहीद हुए सैन्य जवानों को याद करते हुए आज अमर जवान शहीद स्मारक पर सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हुए विशेष तौर पर कलवान घाटी के शहीद कर्नल संतोष बाबू एवं मुंबई ताज होटल पर शहीद हुए मेजर संदीप उन्नीकृष्णन के माता पिता को बिहार रेजिमेंटल सेंटर के मेजर जनरल मनोज नटराजन ने सम्मानित करते हुए अब तक के शहीद हुए बिहार के सूर वीरों को अमर शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र चढ़ा कर श्रद्धांजलि दी ।इस अवसर पर बिहार से मेंटल सेंटर की ओर से गलवान घाटी में शहीद हुए कर्नल संतोष बाबू के याद में बिहार रेजिमेंटल सेंटर द्वार का नामकरण कर उसका उद्घाटन मिसेज संतोषी एवं संतोष बाबू के बच्चों के द्वारा किया गया। इस ऐतिहासिक क्षण पर संतोष बाबू की धर्मपत्नी ने बीआरसी की ओर से दिए गए अतुल्य सम्मान को लेकर के कहा कि सैनिकों के सम्मान में किए गए ऐसे कार्य सैन्य अधिकारी के परिवारों के लिए बहुत बड़ा सम्मान और श्रद्धांजलि है ।जो युगो युगो तक उनके शौर्य को याद दिलाता रहेगा ।इसके लिए बिहार रेजिमेंटल सेंटर की सभी शहीद सैन्य अधिकारियों को कोटि-कोटि नमन के साथ सेंटर को बहुत-बहुत धन्यवाद।. पत्नी लेट संतोष बाबू शहीद गलवान घाटी. इस अवसर पर बिहार रेजिमेंटल सेंटर की मेजर जनरल मनोज नटराजन ने बीआरसी के सुर वीरों को याद करते हुए कहा कि हमारे जवान जहां भी गए हैं वहां उन्होंने बिहार रेजिमेंटल सेंटर का नाम रोशन किया है साथ ही दुश्मनों को अपनी शौर्य के उदाहरण से अचंभित करते हुए कई विजय कथाएं लिखी आज उन्हें इस अवसर पर याद करते हुए विशेष तौर पर कलवान घाटी के शहीद कर्नल संतोष बाबू को यह द्वार समर्पित किया गया है जो निश्चित रूप से आने वाले दिनों में नए रंगरूटों को शौर्य के लिए प्रोत्साहित करेगा।. मनोज नटराजन मेजर जनरल बिहार रेजिमेंटल सेंटर दानापुर. वही विशेष रूप से इस अवसर पर मुंबई हमले में शहीद हुए मेजर संदीप उन्नीकृष्णन के माता-पिता भी उपस्थित हुए और सैन्य अधिकारियों को श्रद्धांजलि दी और संतोष बाबू के लिए समर्पित किए गए द्वार को लेकर के उन्होंने बताया कि यह सिर्फ संदीप उन्नीकृष्णन और संतोष बाबू को ही सम्मान नहीं है यह उन सभी शहीद सुर वीरों का सम्मान है जिन्होंने अपनी मातृभूमि की रक्षा करने के लिए देश पर अपनी जान न्योछावर कर दिए ऐसे सम्मान को पाकर सैन्य परिवार बहुत ही गौरवान्वित महसूस करता है. मेजर संदीप उन्नीकृष्णन के माता पितामालूम हो कि यह कार्यक्रम कोविड-19 के बाद इस साल आयोजित किया गया है तथा विशेष तौर पर इस समारोह के माध्यम से सैनिकों के शौर्य को याद उन्हें सम्मानित करते हुए श्रद्धांजलि दे रहा है जो नाम नमक और निशान के साथ देशभक्ति नए सैन्य अधिकारियों में संचार करेगा है। जिन्होंने अपने प्राण न्योछावर कर मातृभूमि की रक्षा की।