कौशलेन्द्र पाराशर विशेष रिपोर्ट -CIN /मोदी सरकार का देश हित में मास्टर स्ट्रोक – कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, समान नागरिक संहिता हर हाल में लाएंगे. कानून मंत्री किरण जीजू ने कहा कि समान नागरिक संहिता लाना भाजपा के मुख्य एजेंडा में एक रहा है. और इसे हर हाल में इस साल पूरा किया जाएगा. इस बारे में तैयारी चल रही है. इस कानून को लाया जाएगा. पहली बार केंद्र सरकार ने स्पष्ट की जानकारी. उत्तराखंड की पहल को शुरुआत माना जा रहा है. केंद्र सरकार की तरफ से देश के नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता लाने की तैयारी शुरू कर दी गई है. इस कानून का केंद्रीय बिल किसी भी समय संसद में पेश किया जा सकता है. परीक्षण के तौर पर उत्तराखंड को चुना गया है. वह एक कमेटी के गठन भी कर दिया गया है. केंद्रीय कानून मंत्रालय ने ड्राफ्ट भेज दिए हैं. इससे साफ है कि कानून का ड्राफ्ट केंद्र सरकार के पास तैयार है. केंद्र सरकार के सूत्रों के अनुसार राज्य में बने समान नागरिक सकता कानूनों के बाद केंद्र के कानून में समाहित कर दिया जाएगा. विधि आयोग की तरह राज्य स्तर पर कमेटियां बनाई जा रही है. केंद्र सरकार का इरादा था कि समान नागरिक संहिता पर राष्ट्रीय विधि आयोग की रिपोर्ट ले ली जाए लेकिन विधि आयोग के 2020 के पुनर्गठन के बावजूद कार्यशील नहीं होने के कारण राज्य स्तर पर कमेटियां बनाई जा रही है. कमेटी का फॉर्मेट विधि आयोग की तरह है. केंद्र सरकार की ओर से बनाई गई कमेटी में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस रंजन देसाई, दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व जज प्रमोद कोहली, पूर्व भारतीय सेवा के पदाधिकारी शत्रुघ्न सिंह और दून विश्वविद्यालय के VC सुरेखा को शामिल किया गया है. केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि एक देश के रूप में आगे बढ़ना ही होगा.