पटना ब्यूरो /हृदय विदारक ! भोजपुरी और हिन्दी की अत्यंत विदुषी कवयित्री सुभद्रा वीरेन्द्र सम्पूर्ण साहित्य को मर्माहत कर ब्रह्मलोक के लिए विदा हो गईँ ! विगत मध्य रात्रि में उन्होंने दिल्ली स्थित अपने पुत्र श्री दिव्यांशु के आवास पर अपनी अंतिम साँसे लीं! वे कुछ वर्षों से कैंसर के अनवरत आघात और कष्टकर उपचार की पीड़ा भी झेलती आ रही थीं ! गीति-धारा की अन्यतम स्वर-गीत साधिका सुभद्रा जी के निधन से हमने मीरा-महादेवी की परंपरा की एक बड़ी कवयित्री को खो दिया है ! दिवंगत पवित्रात्मा को विनम्र श्रद्धांजलि ! पुनश्च :- आज संध्या बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में उनके निधन पर अपराह्न ४ बजे एक शोक-गोष्ठी आहूत है !