बिहार के छपरा जिले की घटना है जहां पुल तक पहुंचने वाली एक सड़क का निर्माण किया गया था जिसे खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उद्घाटन करने वाले थे पर वह पहले ही टूट गई। हालांकि उद्घाटन से पहले किसी तरह जल्दी में सड़के का मरम्मत कार्य पूरा कर लिया गया था और फिर उसका उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उद्घाटन 12 अगस्त, 2020 की सुबह 11:30 बजे होना था पर 11 अगस्त, 2020 की रात करीब 12:30 पुल तक पहुंचने वाली सड़क बाढ़ के पानी में बह गई थी। लगभग 50 मीटर सड़क टूट गई थी, जिसे फिर आनन-फानन में बनवाया गया और उद्घाटन से ठीक आधे घंटे पहले मरम्मत का कार्य पूरा हुआ। गौरतलब है कि बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के अधिकारी मौके पर मौजूद थे। वहीं, बड़ी संख्या में मजदूर और 2 जेसीबी लगाकर सड़क को जल्दबाजी में ठीक किया गया।
दरअसल, 11 अप्रैल, 2014 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 509 करोड़ रुपये की लागत से महासेतु परियोजना का शिलान्यास राजापट्टी में किया था जिससे पुल के चालू होने से गोपालगंज, सीवान और सारण से मुजफ्फरपुर की दूरी 55 किलोमीटर, दरभंगा की दूरी 65 किलोमीटर और जनकपुर की दूरी 70 किलोमीटर कम हो जाएगी।
दूसरी ओर, यह चुनावी साल चल रहा है और जिसके कारण नीतीश कुमार लगातार नए-नए पुल के उद्घाटन कार्यों का श्रेय ले खुद लेने में लगे हुए हैं व साथ ही विकास कार्य का भी। ऐसे में विपक्षी पार्टी चुप कैसे बैठ सकती है और वह आरजेडी सरकार की नाकामियों का मुद्दा उठाने में ज़ोरो-शोरो से लगी हुई है।
और अब जब सड़क टूटा तो तेजस्वी यादव ने अपने सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर ट्वीट कर मुख्समंत्री नीतीश सरकार पर हमला बोल दिया। बता दें कि तेजस्वी ने यह ट्वीट किया कि – “नीतीश कुमार ने वर्षों से 509 करोड़ की लागत से बन रहे बंगरा घाट पुल का अभी आनन-फानन में उद्घाटन कर दिया लेकिन पुल की अप्रोच पथ टूटी हुई है। टूटे हुए पुलों, पथों और बांधों के उद्घाटन की इन्हें इतनी जल्दी क्यों है? उद्घाटन से पहले ही पथ टूटना इनके काले भ्रष्टाचार की पोल खोल रहा है?”
चुनावी खेल में कौन सही और कौन गलत यह कोई नहीं बता सकता है बस आने वाले समय में किसका पलड़ा भारी होगा यह देखना दिलचस्प होगा।
प्रिया की रिपोर्ट.