दिल्ली स्थित पीतमपुरा में रहने वाले स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा को स्पेशल सेल ने गिरफ्तार कर बड़ी कामयाबी हासिल कर ली है। दरअसल, स्पेशल सेल ने राजीव शर्मा को ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट मामले में गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि उनके पास से कुछ रक्षा संबंधित खुफिया दस्तावेज पाए गए हैं।
वहीं, अधिकारियों की मानें तो पत्रकार के कब्जे से सेना से संबंधित कुछ खास दस्तावेज बरामद किए गए हैं। फिलहाल पत्रकार को 6 दिन की रिमांड पर गिरफ्तार कर लिया गया है। दूसरी ओर, पूछताछ में यह बात सामने आई है कि आरोपी पत्रकार चीन के लिए जासूसी कर रहा था।
दूसरी ओर, स्पेशल सेल के डीसीपी संजीव कुमार यादव का कहना है कि राजधानी के पीतमपुरा निवासी राजीव शर्मा कई अखबारों में काम कर चुका है। उसे 14 सितंबर, 2020 को गिरफ्तार किया गया था और अगले दिन कोर्ट में पेश कर 6 दिन के रिमांड पर ले लिया गया है। फलिहाल इस मामले को लेकर एक और पत्रकार से पूछताछ चल रही है।
यही नहीं, पुलिस सूत्रों के अनुसार राजीव शर्मा चीन के लिए जासूसी कर रहा था और उसके कब्जे से जो कागजात मिले हैं, वह उस देश को देने वाला था। और तो और इस बात के भी सबूत मिल गए हैं कि आरोपी पहले कुछ दस्तावेज दे चुका है और इसकी एवज में पैसे भी लिए हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पत्रकार के खिलाफ विदेश मंत्रालय को भी शिकायत मिली थी, जिसकी जांच की जा रही है। राजीव शर्मा के साथ ही एक चीनी और उसका नेपाली साथी भी गिरफ्तार हुआ है जो उसे फर्जी (शेल) कंपनियों के जरिए मोटा पैसा दिया करता था।
बताते चलें कि स्पेशल सेल के डीसीपी संजीव कुमार यादव ने यह भी बताया है कि राजीव शर्मा ने चीनी खुफिया विभाग को 2016 से 2018 के बीच में रक्षा और रणनीति से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां दीं हैं। और वह चीनी खुफिया अधिकारियों से अलग-अलग देशों के अलग अलग ठिकानों पर भी मिलता था। आगे डीसीपी ने ये भी बताया कि उसके दो साथी चीनी महिला और नेपाली युवक की महिपालपुर में कंपनी है, जहां से वो चीन को दवाइयां एक्सपोर्ट करते हैं। चीन से भेजे गए पैसे यहां एजेंट को दिए जाते हैं। जांच में पता चला है कि पिछले एक साल में 40-50 लाख रुपये पत्रकार को दिए गए हैं।
प्रिया सिन्हा, सब एडिटर.